समाज में परिवर्तन लाने के लिए संघ विचारधारा को जन जन तक पहुंचाना आवश्यक- शुक्ल

समाज में परिवर्तन लाने के लिए संघ विचारधारा को जन जन तक पहुंचाना आवश्यक- शुक्ल

समाज में परिवर्तन लाने के लिए संघ विचारधारा को जन जन तक पहुंचाना आवश्यक- शुक्लसमाज में परिवर्तन लाने के लिए संघ विचारधारा को जन जन तक पहुंचाना आवश्यक- शुक्ल

शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सोमवार को गेयटी थिएटर, शिमला में आयोजित समारोह में ‘मातृवंदना’ पत्रिका के विशेषांक एवं दिग्दर्शिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में समाजसेवी राजकुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेंद्र सेपेइया मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए संघ विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने हाल ही में संपन्न महाकुम्भ का उदाहरण देते हुए कहा कि संगम में करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया, और प्रशासन की सीमाओं के बावजूद यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसका मुख्य कारण अनुशासन और विचारों की शक्ति थी, जिसने लोगों को स्व-नियंत्रित रखा।

उन्होंने ‘मातृवंदना’ पत्रिका की सराहना करते हुए कहा कि पत्रिका में संघ विचार के साथ-साथ पंच प्रण के सिद्धांतों को भी प्रमुखता से दर्शाया गया है। पंच प्रण में से एक ‘पर्यावरण संरक्षण’ पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगातार आपदाएं आ रही हैं, जो पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत हैं। उन्होंने नागरिकों से अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते प्रचलन पर गहरी चिंता व्यक्त की और समाज के हर वर्ग से इसके विरुद्ध एकजुट होकर अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नशे की समस्या को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों और जन-जागरूकता की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वीरेंद्र सेपेइया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास और समाज सेवा में भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवन और विचारों की जानकारी देते हुए बताया कि संघ का उद्देश्य केवल स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं था, बल्कि भारतीय समाज की कुरीतियों को समाप्त कर राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करना भी था। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे। ब्रिटिश सरकार ने भारत पर शासन बनाए रखने के लिए भारतीय संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास किया। लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति को लागू करने का उद्देश्य भारतीयों को उनकी संस्कृति से दूर करना था। इसके परिणामस्वरूप भारतीयों में आत्मसम्मान की भावना कम हुई और वे अंग्रेजी संस्कृति के प्रति अधिक आकर्षित हुए। आज भारतीयता एवं हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। वर्तमान में देशभर में संघ शाखाएँ संचालित हो रही हैं, जिनमें लाखों स्वयंसेवक सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी संघ कार्यकर्ताओं ने कई विरोधों के बावजूद संगठन के विस्तार के लिए अथक परिश्रम किया है।

कार्यक्रम में ‘मातृवंदना’ पत्रिका के संपादक डॉ. दयानंद शर्मा ने पत्रिका के उद्देश्य और प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘मातृवंदना’ की 32,000 से अधिक प्रतियां प्रतिमाह हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित की जाती हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि पत्रिका ने राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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