वर्ष प्रतिपदा पर राजस्थान दिवस की घोषणा का नववर्ष समारोह समिति ने किया स्वागत

वर्ष प्रतिपदा पर राजस्थान दिवस की घोषणा का नववर्ष समारोह समिति ने किया स्वागत

वर्ष प्रतिपदा पर राजस्थान दिवस की घोषणा का नववर्ष समारोह समिति ने किया स्वागतवर्ष प्रतिपदा पर राजस्थान दिवस की घोषणा का नववर्ष समारोह समिति ने किया स्वागत

जयपुर, 13 मार्च। नववर्ष समारोह समिति जयपुर ने वर्ष प्रतिपदा पर राजस्थान स्थापना दिवस मनाने के सरकार के निर्णय पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया है।  

नववर्ष समारोह समिति के प्रवक्ता महेन्द्र सिंहल ने कहा कि राजस्थान का गठन मुहूर्त के अनुसार वर्ष प्रतिपदा को हुआ था, जो संयोगवश 30 मार्च को पड़ा। लंबे समय से वर्ष प्रतिपदा को राजस्थान दिवस के रूप में मान्यता देने की मांग की जा रही थी, जो अब पूरी हुई है। उन्होंने आह्वान किया कि अब सभी मिलकर वर्ष प्रतिपदा को राजस्थान दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लें। अब तक 30 मार्च को मनाए जाने वाला राजस्थान दिवस सरकारी कार्यक्रम बनकर रह गया था, अब यह समाज का उत्सव बनेगा।

उन्होंने बताया कि भारतीय कालगणना और संवत्सर खगोलीय सिद्धांतों पर आधारित हैं, किसी विचार या पंथ पर नहीं। ऐसे में विदेशी प्रणाली का अंधानुकरण हमारी बौद्धिक परतंत्रता का प्रतीक है। जैसे होली और दीपावली तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं, वैसे ही राजस्थान दिवस को भी तिथि के आधार पर मनाना चाहिए। सरदार पटेल सहित किसी भी नेता ने 30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में चिह्नित नहीं किया था। अंग्रेजों के जाने के बावजूद उनकी व्यवस्थाएं हम पर हावी रहीं, जिससे वास्तविक राजस्थान दिवस को भुला दिया गया। अब वर्ष प्रतिपदा को उसका उचित स्थान मिलने से गौरवशाली परंपरा को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।  

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, संवत 2006 (30 मार्च 1949) को प्रातः 10:40 बजे तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा किया गया था। इस अवसर पर पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा था- “राजपूताना में आज नए वर्ष का प्रारंभ है। यहां आज के दिवस वर्ष बदलता है। शक बदलता है। यह नया वर्ष है। तो आज के दिन हमें नए महा- राजस्थान के महत्व को पूर्ण रीति से समझ लेना चाहिए। आज अपना हृदय साफ कर ईश्वर से हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें राजस्थान के लिए योग्य राजस्थानी बनाये। राजस्थान को उठाने के लिए, राजपूतानी प्रजा की सेवा के लिए, ईश्वर हमको शक्ति और बुद्धि दे। आज इस शुभ दिन हमें ईश्वर का आशीर्वाद मांगना है। मैं आशा करता हूं कि आप सब मेरे साथ राजस्थान की सेवा की इस प्रतिज्ञा में, इस प्रार्थना में, सम्मिलित होंगे। जय हिंद!”

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