स्वयंसेवकों के साथ समाज की सज्जन शक्ति को भी गतिविधियों में जोड़ें : सरसंघचालक
जयपुर, 04 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को गतिविधि श्रेणी के प्रांतीय कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक संवाद करते हुए परिवार प्रबोधन, गो सेवा, सामाजिक समरसता, घुमन्तु कार्य, ग्राम विकास तथा पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परिवार प्रबोधन गतिविधि द्वारा परस्पर संवाद बढ़े और परिवार में साप्ताहिक बैठक शुरु हों। प्रत्येक परिवार में सामाजिक समरसता के अन्तर्गत सहज एक दूसरे के यहां आना जाना होना चाहिए। बैठक में ऐसे ही छोटे- छोटे कई विषयों को लेकर प्रत्येक परिवार को जोड़ने पर विचार हुआ।
दो दिवसीय जयपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक ने रविवार को दो सत्रों में गतिविधि प्रमुखों से संवाद किया। डॉ. भागवत ने कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में गतिविधियों का काम कैसे चला इसके अनुभव सुने तथा समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के लिए चलाए गए कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी गतिविधि का काम समाज में नया नहीं है, अपनी रुचि-प्रकृति के अनुसार पहले से कुछ लोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों, संस्थाओं को साथ लेकर इसमें तीव्रता लाने का व्यवस्थित प्रयत्न हम कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में समाज में वातावरण बनाने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया। गतिविधियों का काम समाजव्यापी है और उसका आचरण बदलने का काम है। इसकी पहल 15 लाख स्वयंसेवकों के परिवारों से होनी चाहिए, जिससे समाज का भाव शीघ्र बदलने लगेगा।
सरसंघचालक ने हर स्वयंसेवक के घर में साप्ताहिक परिवार बैठक प्रारम्भ करने आवश्यता जताते हुए कहा कि पिछले 6 माह में संघ से जुड़ने वालों की संख्या हर वर्ग में सर्वत्र बढ़ी है। ऐसे में नए लोगों को गतिविधियों के कार्य में जोड़कर स्वयंसेवक बनाएं। स्वयंसेवक गतिविधियों के माध्यम से भारत का सही व सत्य समाचार पहुंचाकर राष्ट्र विरोधियों का खेल बंद करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
उल्लेखनीय है कि संघ में शाखा कार्य के अलावा सीधे गतिविधियों के रूप में परिवार प्रबोधन, गो सेवा, सामाजिक समरसता, घुमन्तु, ग्राम विकास तथा पर्यावरण के क्षेत्र में काम होता है। इन गतिविधियों के माध्यम से स्वयंसेवकों द्वारा समाज की सज्जन शक्ति को जोड़कर कार्य किया जा रहा है।
घुमंतू समाज के उत्थान व कोरोना काल में इनके लिए किए गए कार्यों जानकारी दी गई। पदाधिकारियों ने इसे और गति कैसे दी जा सकती, इस सम्बंध में अपनी बात रखी। घुमन्तू जातियों के मध्य भी जयपुर प्रांत सहित राजस्थान में नियमित काम शुरू हुआ है। अपनी-अपनी गतिविधि के माध्यम से रोजगार, शिक्षा, परिवार परामर्श से सम्बन्धित कार्य वर्ष पर्यन्त करने की योजना पर भी विचार हुआ। बैठक में पर्यावरण के सम्बन्ध में जल संरक्षण, पौधरोपण तथा पॉलीथीन मुक्ति हेतु प्रत्येक परिवार संकल्प करे। क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख ने सरसंघचालक को सेवा पथ स्मारिका भेंट की।