अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान….(कविता)
अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान
शिला की जग लगा दिए प्राण, बैठा दिए वहां राम भगवान
सजग है रघुवर की संतान, बन गया मंदिर भव्य महान।
मंदिर बनाने का पुराना अनुबंध था, राम जी का साथ पूरा-पूरा प्रबंध था
कारसेवकों के बलिदान का सुफल था, रामलला के नाम ॥ 1 ॥
अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान
शिला की जगह लगा दिए प्राण, बैठा दिए वहाँ राम भगवान
सजग है रघुवर की संतान, बन गया मंदिर भव्य महान।
न्याय के मंदिर में सत्य की जीत है, ऐसा सदा चला आया रघुकुल रीत
संत समाज का यह कारज पुनीत है, सतसंगत का परिणाम ।। 2
अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान
शिला की जगह लगा दिए प्राण, बैठा दिए वहाँ राम भगवान
सजग है रघुवर की संतान, बन गया मंदिर भव्य महान।
राम के भवन में सबका ही भाग है, इक इक पाई का पूरा हिसाब है
रामसेवकों का यह देव अनुराग है, राष्ट्रमंदिर यह धाम ।। 3।।
अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान
शिला की जगह लगा दिए प्राण, बैठा दिए वहाँ राम भगवान
सजग है रघुवर की संतान, बन गया मंदिर भव्य महान।
संघ सेना का विश्वास अटल है, विश्व हिन्दू परिषद का प्रण सफल है
रामभक्तों में हर्ष प्रबल, बढ़ते सिंह समान ।। 4 ।।
अयोध्या देती है प्रमाण, बन गया मंदिर भव्य महान
शिला की जगह लगा दिए प्राण, बैठा दिए वहाँ राम भगवान
सजग है रघुवर की संतान, बन गया मंदिर भव्य महान।