अश्लीलता को न, ऐसा कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म बैन

अश्लीलता को न, ऐसा कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म बैन

अश्लीलता को न, ऐसा कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म बैनअश्लीलता को न, ऐसा कंटेंट दिखाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म बैन

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सराहनीय निर्णय लेते हुए ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्मों पर अश्लील सामग्री के विरुद्ध कार्रवाई की है तथा 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म जो अश्लीलता परोसने का कार्य कर रहे थे, को ब्लॉक कर दिया है।

(ओटीटी प्लेटफॉर्म एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जो कुछ और प्लेटफॉर्म्स की सहायता से आपके फोन पर ही विभिन्न प्रकार की फिल्में, सीरीज और शो उपलब्ध कराता है)

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ ही मंत्रालय द्वारा 19 वेबसाइटों, 10 ऐप्स (7  गूगल प्लेस्टोर, 3 एप्पल ऐप स्टोर) और इन प्लेटफॉर्मों से जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर रोक लगा दी है। इनमें फेसबुक पर 12, इन्स्टाग्राम पर 17, ट्विटर पर 16 और यूट्यूब पर 12 पेज और चैनल थे। अब देशभर में ये प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म कहीं भी देखे नहीं जा सकेंगे।

प्रतिबंधित किए गए प्लेटफॉर्म

मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित ओटीटी प्लेटफॉर्मों की सूची में ड्रीम्स फिल्म्स, वूवी, येस्मा, अनकट अड्डा, Tri Flicks, X Prime, Neon X VIP, MoodX, Besharams, Hunters, Rabbit, Xtramood, Nuefliks, Mojflix, Hot Shots VIP, Fugi, Chikooflix, Prime Play और अन्य सम्मिलित हैं।

ये सभी प्लेटफॉर्म आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए, आईपीसी की धारा 292 और महिलाओं के आपत्तिजनक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन कर रहे थे।

जानकारी के अनुसार ये प्लेटफॉर्म वीडियो के माध्यम से लोगों को अश्लील सामग्री परोस रहे थे। इनमें से कुछ पोर्न तक परोस रहे थे। मंत्रालय ने इन्हें बंद करते हुए इनके सोशल मीडिया पेज भी बंद कर दिए हैं। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में बताया कि इन प्लेटफॉर्म पर परोसे जा रहे वीडियो अश्लील थे। इनमें महिलाओं को अपमानजनक तरीके से दिखाया जाता था। साथ ही इन प्लेटफॉर्म पर शिक्षक-छात्र और एक ही परिवार के महिला-पुरुषों के बीच यौन सम्बन्ध को दिखाया जाता था, जिससे सिनेमा और कला आदि का कोई सम्बन्ध नहीं है।
इन सभी प्लेटफार्म्स को बैन करने का यह निर्णय भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों और मीडिया, मनोरंजन, महिला अधिकारों और बाल अधिकारों के क्षेत्र विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत निष्पादित किया गया।
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