राष्ट्रहित सर्वोपरि : राष्ट्रीय विचारों के साथ करें शत प्रतिशत मतदान

राष्ट्रहित सर्वोपरि : राष्ट्रीय विचारों के साथ करें शत प्रतिशत मतदान

कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल

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राष्ट्र की दशा एवं दिशा तय करने वाले लोकसभा निर्वाचन 2024 सात चरणों में सम्पन्न होने जा रहे हैं। इस समय प्रत्येक नागरिक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। लोकसभा चुनाव से हम केवल सांसद का ही चुनाव नहीं करते हैं बल्कि देश के भविष्य का निर्धारण करते हैं।क्योंकि यही सांसद मिलकर बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में चुनते हैं। तत्पश्चात कैबिनेट के रूप में पूर्ण सरकार का गठन होता है। यह केन्द्र सरकार ही देश की रक्षा- सुरक्षा, विदेश नीति, नियम – कानून, आर्थिक एवं मौद्रिक नीति, कृषि नीति सहित अन्य सभी निर्णय लेती है। जनकल्याणकारी योजनाएं बनाती है। आन्तरिक शान्ति एवं सुरक्षा के साथ जन-जीवन की उन्नति एवं विकास के लिए विभिन्न कदम उठाती है।

जनता द्वारा चुने के गए सांसदों के आधार पर गठित होने वाली केन्द्र सरकार ही देशव्यापी निर्णयों के लिए पूरी तरह से दायित्ववान होती है। ऐसे में केन्द्र में एक सशक्त मजबूत एवं दूरदर्शी नेतृत्व का होना; राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की गारंटी मानी जाती है। सक्षम, सशक्त, दूरदर्शी नेतृत्व केवल राष्ट्रव्यापी निर्णय ही नहीं लेता है बल्कि देश की अन्तरराष्ट्रीय छवि सहित विदेशी साख को बढ़ाने में भी योगदान देता है। निवेश से लेकर ‘अन्तरराष्ट्रीय डायस्पोरा’, प्रवासी भारतीय नीति व मजबूत कूटनीतिक सम्बन्धों में मजबूत केन्द्र सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं यदि केन्द्र सरकार का नेतृत्व कमजोर या ढुलमुल हुआ तो कोई भी देश आसानी से हमें अनसुना कर सकता है‌। राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों में किसी न किसी ढंग से हस्तक्षेप कर हमारी भूमिका को कम कर सकता है‌।

अतएव लोकसभा चुनाव के समय मतदान करने से पूर्व सभी को राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को ध्यान में रखना चाहिए। राष्ट्रीय एकात्मता, सामाजिक समरसता, जनकल्याण एवं भारत के ‘स्व’ पर अनिवार्यत: विचार-विमर्श करना चाहिए। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा एक-एक वोट हमारे देश का भविष्य बनाने वाला है‌। यह कभी न सोचें कि मेरे एक वोट से क्या होगा? यह ध्यान रखें कि आपका एक वोट देश के प्रधानमन्त्री को चुनने वाला है। देश की सरकार बनाने वाला है। इसीलिए मतदान के दिन सारे काम छोड़कर शत-प्रतिशत मतदान करने जाना है। लोकतन्त्र के इस महापर्व में युवा जहां राष्ट्रहित के लिए शत प्रतिशत मतदान का संकल्प लेकर जनजागरण करें। वहीं मातृशक्ति, बड़े-बुजुर्गों सभी को मतदान के लिए प्रेरित करें क्योंकि पांच वर्षों बाद आया लोकतन्त्र का यह महापर्व ही राष्ट्र के भविष्य की सुनहरी तस्वीर गढ़ने वाला है।

इस समय विभिन्न राजनीतिक दल एवं उनके नेतागण आपसे समर्थन मांगने आ ही रहे होंगे। ऐसे समय में उनके पांच वर्षों के कार्यकलापों पर चर्चा करें। राष्ट्रीय एकात्मता, अखण्डता, समरसता और जनकल्याण के लिए उनके दल व उनकी नीति व नीयत क्या है, इन सब पर व्यापक विचार-विमर्श करें। यह देखें कि जब संसद से देश की एकात्मता, अखण्डता, समरसता और जनकल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे थे। उस समय इन राजनेताओं व उनके दलों की कैसी भूमिका थी? चुनाव के समय निष्पक्ष रूप से यह आंकलन करें कि — देश की विदेश नीति, रक्षा नीति एवं सर्वांगीण विकास के लिए किए गए निर्णयों के समय देश के विरोध में कौन खड़ा था?

चाहे बात भारत के ‘स्व’ की हो या भारत के गौरव, भारत की संस्कृति एवं परम्पराओं के संरक्षण संवर्धन की। यह देखें कि – इन सब मुद्दों पर किस राजनीतिक दल व उसके नेताओं ने वास्तव में काम किया है। साथ ही यह भी देखें कि इन निर्णयों के विरोध में या भारत विरोध में हमेशा कौन खड़ा रहा है?चुनाव के समय किसी भी प्रकार के प्रलोभन, भय या लालच से बचें। जाति-बिरादरी, वर्ग-समुदाय आदि की विभाजनकारी मानसिकता से ऊपर उठकर मतदान करें। लोकतन्त्र के इस महायज्ञ में मतदान करते समय राष्ट्रहित सर्वोपरि का मंत्र लेकर राष्ट्रीय विचारों के लिए मतदान करें। स्वर्णिम और विकसित भारत के लिए अपनी वोट रूपी आहुति समर्पित करें और नया भारत गढ़ने में अपना योगदान दें।

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