मानव
चंदन शर्मा क्या सतयुग क्या कलयुग की तुम बातें मानव करते हो सत्य अहिंसा मानवता…
कविताएं
चंदन शर्मा क्या सतयुग क्या कलयुग की तुम बातें मानव करते हो सत्य अहिंसा मानवता…
सूरजभान सिंह मैं वीरप्रसूता शस्य श्यामला भारत माता हूँ, मातृभूमि के दीवानों के बलिदानों की…
– यश शर्मा माँ से किए कई वादे भी तो हैं उस से जुड़ी कई…
– स्वरूप जैन ‘जुगनू’ हास्य रस का ज्ञान नहीं है, ना ही श्रृंगार सजाता हूँ…
माँ बचपन के होठों पर थिरकती मुस्कान है। माँ परमात्मा से बच्चे की पहली पहचान…
तड़के उठकर विचरण करने जाता हूं तो पाता हूं कि मानव गण सोया है मगर…
दौड़ती –हांफती जिन्दगी ठहर कर सुस्ता रही है कीमती हैं साँसें कितनी सबको यह बता…
हमसे तुम और तुमसे हम, हमसे मिलकर है परिवार। संगठन में शक्ति है,परिवार का यही…
वह महारानी पद्मिनी सिसोदिया राजवंश की आभा थी, सौंदर्य और रणकौशल में उनके चहुं ओर…
माँ से होती पूरी हर आस है माँ प्रेम है सृष्टि का विकास है, माँ…
ब्रह्मा जी के मानस पुत्र नारद देवऋषि कहलाये ब्रह्मलोकवासी नारद सबको सबकी खबर पहुंचाये। वेदों के बन सन्देश-वाहक यहाँ – वहाँ आये-जाये …
हे बुद्ध ; महात्मा! आँखें बंद किये हो क्यों? विष्णु रूप,करुणा के सागर आँखें खोलो,…
कर्म देख रहे हैं तुझे, तू सब पापों का नाश कर, कर अपने हाथों पर…
सर्वोच्च बलिदानी तुमने किया है सर्वस्व बलिदान शत शत नमन तुमको, तुम्हें मेरा अंत: प्रणाम…
भुरभुरी सी मिट्टी में जकड़बन्द जटिल सांप सीढ़ी सी जड़ें फैलना चाहती हैं धरती के…
वो शूरवीर महाराणा, मेवाड़ी आन-बान-शान का रखवाला था, बात अड़ी थी स्वाभिमान पर, इस बार…
विरोधों के सागर में चट्टान हैं हम, क्योंकि यही तो हिन्दुस्तान हैं हम सदियों का…
अंधकार गहरा है श्वासों पर तम का पहरा है आओ साथी, कुछ दीप जला लें।…