राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है राम मंदिर का निर्माण : चम्पत राय

राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है राम मंदिर का निर्माण : चम्पत राय

राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है राम मंदिर का निर्माण : चम्पत रायराष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है राम मंदिर का निर्माण : चम्पत राय

  • अयोध्या उत्सव में  नवोत्थान के विशेषांक और
    जनता सर्वोपरि पुस्तक का हुआ लोकार्पण

अयोध्या, 24 दिसंबर। ‘अयोध्या उत्सव’ के दूसरे दिन श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी की पत्रिका नवोत्थान के विशेषांक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर अतिथियों ने बृजनंदन राजू द्वारा लिखित पुस्तक जनता सर्वोपरि का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर बोलते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि श्री राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में तीन हजार से अधिक मंदिर हैं, लेकिन यह हमारे आराध्य राम का जन्म स्थान है। राम की जन्मभूमि इस देश का प्रतीक है।

चंपत राय ने कहा कि जन्मभूमि पर निर्मित हो रहा राम मंदिर राष्ट्र के सम्मान का मंदिर है। इसमें सब की श्रद्धा है। राम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ जनता ने सहयोग किया है। देश में इस समय उत्साह की अनुभूति और आनंद का वातावरण है।

ट्रस्ट के महासचिव  ने कहा कि राम सबके हैं। एक सच्चाई थी, जिसे समझने में 500 वर्ष लग गए, लेकिन हमारी जीत हुई।

उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के आनंद की तुलना, मैं 15 अगस्त 1947 को मिलने वाले आनंद के क्षण से कर पा रहा हूँ।

आराध्यदेव के जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण के लिए किया संघर्ष

चम्पत राय ने कहा कि राम की जन्मभूमि के लिए अयोध्या के सभी संत महात्माओं ने युद्ध लड़े। गिनती नहीं है। शासन ने भी कभी गिनती नहीं की होगी। कभी अयोध्या की जनता, कभी अयोध्या का समाज तो कभी हनुमानगढ़ के लोगों ने इस संघर्ष को जारी रखा। कभी दिगंबर तो कभी निर्मोही अखाड़े ने इसे जारी रखा। कारण, यह हमारे आराध्यदेव श्रीराम का जन्मस्थान है। इस धरा पर दूसरा अन्य कोई जन्मस्थान नहीं हो सकता।

करोड़ों लोगों के हजारों वर्षों के परिश्रम का फल है श्रीराम मंदिर निर्माण 

चम्पत राय ने कहा कि भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण किसी एक व्यक्ति अथवा संगठन का सहयोग नहीं है। यह हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों के परिश्रम से निर्मित हो रहा है। इसके निर्माण में  वर्षों का परिश्रम और आहुतियाँ शामिल हैं।

मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि भारतीय भाषाओं में समाचार देने का काम हिंदुस्थान  समाचार एजेंसी कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत हुई। मीडिया के कारण ही अयोध्या के दीपोत्सव को विश्व व्यापी पहचान मिली। अवनीश अवस्थी ने कहा कि अयोध्या में अभी बहुत विकास कार्य होने हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के आसपास जनपदों के साथ-साथ 84 कोस के अंदर आने वाले सभी धार्मिक स्थानों का विकास किया जाएगा।

महंत कमलनयन दास शास्त्री ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र है तभी धर्म है, मठ मंदिर हैं और हम सभी हैं। उन्होंने कहा कि हम  विश्व बंधुत्व को मानने वाले हैं। भगवान श्रीराम ने सबको गले लगाया। हम सबको भगवान श्रीराम के आचरण से सीख लेनी चाहिए। महंत कमलनयन दास शास्त्री ने जनसंख्या असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक न एक दिन हमारा भूभाग जो चीन के कब्जे में चला गया है वह वापस आएगा।

अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के अनुरूप काम कर रहे हैं। सांसद ने कहा कि श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण होने के साथ-साथ अयोध्या का चौमुखी विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर अयोध्या को सजाने संवारने का काम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन संदेश को अपने अंदर उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के चरित्र की जितनी भी चर्चा की जाए वह काम है। लेकिन रामायण के पात्रों में भरत का भी चरित्र महान है। उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या के 84 कोस के सभी तीर्थ स्थलों का विकास कर रही है।

अयोध्या के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि अयोध्या के कान-कान में और समस्त प्राणियों में भगवान श्रीराम व्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि हमारा अस्तित्व श्रीराम से जुड़ा है। भगवान श्रीराम हमारे आदर्श के प्रतिबिंब हैं।

महापौर ने कहा कि राम हमारे रोम रोम में हैं। अयोध्यावासी कहीं भी जाते हैं, तो उन्हें भगवान श्रीराम के कारण सम्मान मिलता है।

राष्ट्र के अपमान का परिमार्जन है राम मंदिर का निर्माण

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