अब देश में धूम मचाएंगे भारतीय खिलौने, पहला वर्चुअल खिलौना मेला 27 फरवरी से
केंद्र सरकार देश में पहली बार खिलौना मेले (toy fair) का आयोजन करने जा रही है। कोविड के चलते वर्चुअल आयोजित होने वाला यह मेला (India toy fair) 27 फरवरी से 2 मार्च तक चलेगा। इस मेले से खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मेले की विस्तृत जानकारी वेबसाइट indiatoyfair.in पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट पर खिलौना उद्योग से जुड़े लोग रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस आयोजन में पूरे भारत के पारंपरिक दस्तकारी वाले खिलौना कारीगरों को आमंत्रित किया जा रहा है। मेले का उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” अभियानों के बुनियादी विषयों को प्रोत्साहित करना है। यह मेला नीति निर्माताओं, खिलौना निर्माताओं एवं वितरकों, निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), कारीगरों, स्टार्ट-अप्स, बच्चों, माता-पिता और शिक्षकों को एक साथ एक मंच पर आने का अवसर प्रदान करेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह मेला भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और भारत की खिलौना उद्योग की विरासत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि खिलौना उद्योग के भविष्य को देखते हुए एक बड़े विजन को लेकर इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष फरवरी में क्वालिटी काउंसिल की एक रिपोर्ट आई थी, जिसके अनुसार, विदेशों से आयात किए गए कई खिलौने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर पा रहे थे। इसके बाद विदेशी खिलौनों पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया और गुणवत्ता नियंत्रण का आदेश जारी किया गया। इंडिया टॉय फेयर स्थानीय निर्माताओं और कारीगरों को अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौनों के निर्माण के लिए प्रेरित करेगा, ताकि उनके उत्पादों को घरेलू बाजारों में बेचा जा सके और उनका निर्यात भी किया जा सके।
खिलौना मेले में भाग लेने के लिए अब तक 9 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।