माया टंडन, लक्ष्मण भट्ट और जानकी लाल हुए पद्मश्री से सम्मानित
माया टंडन, लक्ष्मण भट्ट और जानकी लाल हुए पद्मश्री से सम्मानित
दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में सोमवार 22 अप्रैल को एक भव्य कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र के लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की भी चार विभूतियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें जीवन रक्षा प्रणाली के लिए डॉक्टर माया टंडन, ध्रुपद गायकी के लिए पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग, और बहरूपिया कलाकार जानकी लाल भांड सम्मिलित हैं। वहीं बीकानेर के गायन- संगीत के कलाकार अली-गनी मोहम्मद ने बताया कि उन्हें अगले चरण में पद्मश्री दिया जाएगा।
भारत में पद्मश्री पुरस्कार जाति, व्यवसाय, पद या लिंग से परे विशिष्ट सेवा के लिए दिए जाते हैं।
डॉ.माया टंडन
डॉ. माया टंडन सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के बचाव में सहायता करने के लिए एक लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है। माया टंडन सहायता संस्था की अध्यक्ष हैं और जयपुर के जेके लोन अस्पताल की पूर्व अधीक्षक हैं। यहॉं से रिटायर होने के बाद 1995 से सड़क हादसों में घायल हुए लोगों की जान बचाने में जुटी हैं।
पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग
93 वर्षीय ध्रुपद वादक पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर कई पुस्तकें लिखी हैं और अपने पूरे जीवन में सैकड़ों छात्रों को संगीत का ज्ञान दिया है।
जानकी लाल भांड
भीलवाड़ा के 81 वर्षीय जानकी लाल भांड ने बहुरूपिया कला को जीवित रखा है और 10 से अधिक देशों में इसका प्रदर्शन किया है। बहुरूपिया विभिन्न पात्रों के रूप में तैयार होने और उन्हें चित्रित करने की कला है।
अली-गनी मोहम्मद
राजस्थान के प्रसिद्ध मांड कलाकार अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद दोनों भाई बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने मांड गायकी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानजनक स्थान दिलाया है। अली गनी ने मांड गायकी को विभिन्न भाषाओं में भी प्रस्तुत किया है। इन्हें राजस्थान सरकार द्वारा कलाश्री सम्मान, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा लता मंगेशकर सम्मान से सम्मानित किया गया है।