अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी

अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी

अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगीअरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी (प्रतीकात्मक चित्र)

अयोध्या राममंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। उससे पूर्व भगवान श्रीराम की तीन में से एक मूर्ति का चयन किया गया। भगवान राम की बाल छवि (रामलला) वाली यह मूर्ति देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। मूर्ति 51 इंच की है। इसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसकी आधिकारिक घोषणा 5 जनवरी को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय करेंगे। राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली प्रतिमा का चयन 31 दिसंबर को कर लिया गया था। 29 दिसंबर (शुक्रवार) को हुई बैठक के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने 3 प्रतिमाओं पर अपना मत लिखित रूप से महासचिव चंपत राय को दे दिया था।

जानकारी के अनुसार अरुण योगीराज ने नीले पत्थर को तराश कर  रामलला की मूर्ति बनाई है, जिसमें उन्हें धनुष-बाण लिए दिखाया गया है। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई लगभग 8 फीट होगी। अभी चुनी हुई प्रतिमा की फोटो जारी नहीं की गई है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया एप ‘X’ पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘X’ कर लिखा, “जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है।

वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अरुण योगीराज को बधाई देते हुए कहा कि राज्य के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई ‘रामलला’ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर में की जाएगी। येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लोगों से प्रसन्नता दर्शाते हुए कहा कि मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति का चयन अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया गया है। इससे कर्नाटक राज्य में श्रीराम का गौरव और प्रसन्नता दोगुनी हो गई है।

मूर्तिकार अरुण योगीराज का परिचय 

37 वर्षीय अरुण योगीराज मैसरू महल के शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। अरुण के पिता, गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए भी कार्य कर चुके हैं। एमबीए की पढ़ाई कर चुके योगीराज पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। एमबीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में भी नौकरी की, लेकिन 2008 में मूर्तिकार बनने के लिए नौकरी छोड़ दी। अरुण योगीराज ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति से पूर्व मैसूर में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्रीकृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा व इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी बनाई है। उनके द्वारा बनाई गई अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों में केदारनाथ में 12 फीट की आदिशंकराचार्य की मूर्ति, मैसूर के चुंचनकट्टे में 21 फीट की हनुमान मूर्ति, 15 फीट बीआर अम्बेडकर की मूर्ति मैसूरु में, नंदी की 6 फीट की अखंड मूर्ति, 6 फीट की बाणशंकरी देवी की मूर्ति आदि सम्मिलित हैं।

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3 thoughts on “अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी

  1. अरुण योगिराज भाग्यशाली हैं, इतिहास में अपना नाम अमर करा गये।

  2. अरुण योगिराज
    मनुष्य जीवन का सर्वोच्च हो गया
    जैसे अरुण गोहिल अमर हुए
    उनसे भी आगे

    हनुमान जी का जन्म भी वर्तमान के कर्नाटक में
    तो रामलला को तो हनुमान ही लेंगे न

  3. अरूण योगीराज प्रभु के कृपा पात्र बने। ??

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