प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना हमारी रिहाई सम्भव नहीं थी- कतर जेल से रिहा पूर्व नौसैनिक

प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना हमारी रिहाई सम्भव नहीं थी- कतर जेल से रिहा पूर्व नौसैनिक

प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना हमारी रिहाई सम्भव नहीं थी- कतर जेल से रिहा पूर्व नौसैनिकप्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना हमारी रिहाई सम्भव नहीं थी- कतर जेल से रिहा पूर्व नौसैनिक

12 फरवरी 2024 का दिन भारत के लिए विशेष रहा। इस दिन भारत के 8 में से 7 पूर्व नौसैनिक कतर की जेल से रिहा होकर स्वदेश गए। ये पूर्व नौसैनिक कतर की अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज कम्पनी में काम कर रहे थे। वहॉं इन पर इजराइल के लिए पनडुब्बी तकनीक की जासूसी करने का आरोप लगा और कतर सरकार ने बिना भारतीय दूतावास परिजनों को सूचित किए उन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने भारत सरकार तक अपनी बात पहुंचायी। भारत सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया। मध्यस्थता और बातचीत का क्रम शुरू हुआ।

प्रधानमंत्री ने वहां के शासक से इस संबंध में बात की। इसका असर यह हुआ कि अक्टूबर 2022 में पूर्व नौसैनिकों को काउंसलर एक्सेस मिल गई। मार्च 2023 में पहली और जून 2023 में मामले की दूसरी सुनवाई हुई। अगस्त 2023 में पूर्व सैनिकों का कतर की जेल में एक वर्ष पूरा हो गया। बातचीत अभी चल ही रही थी कि अक्टूबर 2023 में उन्हें मौत की सजा सुना दी गई। इसके बाद कतर में भारत के राजदूत विपुल जेल में कैद पूर्व नौसैनिकों से मिले।

भारत सरकार ने कहा कि हम पूर्व भारतीय नौसैनिकों को छुड़ाने के लिए यथा सम्भव सभी रास्ते खोज रहे हैं। इसी दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर पूर्व नौसैनिकों के परिजनों से मिले। कूटनीतिक प्रयास रंग लाए, 28 दिसंबर 2023 को पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मृत्यु की सजा को कैद में बदल दिया गया और 12 फरवरी 2024 को तो 8 में से 7 पूर्व नौसैनिक रिहा होकर स्वदेश ही आ गए। रविवार देर रात विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कतर ने सभी आठ नागरिकों को रिहा कर दिया है, सात भारतीय वापस आ गए हैं।

कतर अदालत के रिहाई के निर्णय को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात के कुछ सप्ताह बाद आया है। 1 दिसंबर 2023 को हुई इस बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने कतर में भारतीय समुदाय की भलाई पर चर्चा की है।

कतर से भारत लौटे इन पूर्व नौसैनिकों ने अपनी रिहाई के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना हमारी रिहाई सम्भव नहीं थी।  इन पूर्व नौसैनिकों में कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा और सुगुनाकर पकाला नाविक रागेश शामिल हैं। कैप्टन नवतेज गिल को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *