प्रदेश में SC/ST पर बढ़ रहे अत्याचार, दबंग छोटी-छोटी बच्चियों को उठाकर ले जा रहे

प्रदेश में SC/ST पर बढ़ रहे अत्याचार, दबंग छोटी-छोटी बच्चियों को उठाकर ले जा रहे

 

प्रदेश में SC/ST पर बढ़ रहे अत्याचार, दबंग छोटी-छोटी बच्चियों को उठाकर ले जा रहे

जयपुर, 06 सितम्बर। जन प्रतिनिधि मदन दिलावर एवं जितेन्द्र गोठवाल ने संयुक्त प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश की सरकार पर निशाना साधा। दिलावर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। SC/ST पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, जिसको लेकर बहुत सारे मामले दर्ज हुए हैं। दिलावर ने कहा कि दबंग छोटी-छोटी बच्चियों को उठाकर ले जा रहे हैं, गैंगरेप हो रहे हैं और अधिकांश मामलों में यहाँ की पुलिस मुकदमे दर्ज नहीं कर रही है।

उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार थानों में चक्कर कटवाये जाते हैं, तो वहीं कई थानों में पैसे मांगे जाते हैं। यदि किसी कारण से मामला दर्ज भी हो जाये तो कई मामलों में झूठा बताकर उस पर एफआर लगा दी जाती है। सरकार के 20 माह के कार्यकाल में प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति (SC/ST) के प्रति अपराध और अत्याचार के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार और पुलिस किसी प्रकार का नियंत्रण करने में असमर्थ हो रही है, ऐसे में अपराधियों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं।

जितेन्द्र गोठवाल ने कहा कि प्रदेश में दिसम्बर, 2018 से जुलाई, 2020 तक 11,151 मुकदमे हत्या, हत्या के प्रयास, बच्चियों एवं महिलाओं के के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़, यौन शोषण तथा अस्पृश्यता आदि के दर्ज हुए हैं, जो सरकार के सुशासन, संवेदनशीलता एवं जवाबदेह प्रशासन देने के दावे पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं और सरकार के सभी दावों की पोल खोलते हैं।

गोठवाल ने कहा कि प्रदेश में SC पर अत्याचार के वर्ष 2019 में कुल 6,794 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जो वर्ष 2018 में 4,602 के मुकाबले 2,187 (47.47 प्रतिशत) अधिक हैं। जनवरी 2020 से जुलाई 2020 तक 4,988 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के समय में भी मई, 2020 में अप्रैल 2020 के मुकाबले 92 प्रतिशत अपराधों में बढ़ोतरी हुई है, जो अगस्त, 2020 तक जारी है।

गोठवाल ने मूक-बधिर अवयस्क पीड़िता के साथ बगड़ी, पुलिस थाना मण्डावरी, जिला दौसा के क्षेत्र में दिनांक 04 अगस्त को हुए गैंगरेप के मामले में अभियुक्तगणों को गिरफ्तार करने, बालिका को पुनर्वास एवं आर्थिक सहायता देने एवं वयस्क होने पर सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।

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