स्वदेशी राखी बनाने के लिए राखी बनाओ प्रतियोगिता आयोजित

Self reliant bharat swadeshi rakhi

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जयपुर, 21 जुलाई। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी जागरण मंच द्वारा कई कार्यक्रम व अभियान चलाए जा रहे हैं। देशभर में डिजिटल हस्ताक्षर अभियान के बाद अब स्वदेशी उत्पादों के निर्माण को लेकर जनमानस को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्वदेशी राखी बनाने का प्रकल्प शुरू किया गया है। इसमें स्कूली बालिकाओं को जोड़कर स्वदेशी राखी बनाने का प्रशिक्षण देकर प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिस्पर्धा का भाव जागृत कर राखी बनवाई जा रही है। एसजेएम की इस प्रतियोगिता से जयपुर महानगर समेत प्रांतभर के निजि विद्यालयों की बालिकाएं सहभागी बन रही हैं।

भाई—बहन के रिश्ते का पावन पर्व रक्षाबंधन पर अनेकों वर्षों से चायनीज राखियों का उपयोग किया जा रहा है। प्लास्टिक आदि से बनी इन राखियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ ही देश को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत समाज के लोगों को विभिन्न स्वदेशी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण स्वदेशी जागरण मंच, सेवा भारती, लघु उद्योग भारती समेत कई स्वयंसेवी संगठनों द्वारा दिया जा रहा है।

स्वदेशी राखी को बढ़ावा देने के लिए एसजेएम द्वारा विभिन्न निजी विद्यालयों में राखी बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है। प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में कक्षा 6 से 8 तथा सीनियर वर्ग में कक्षा 9 से 12 की बालिकाएं सहभागी हो रही हैं। इसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बालिकाओं द्वारा सब्जी व फलों के बीज तथा गाय के गोबर से गोमय राखियां बनाने को प्राथमिकता दी गई है। राखी बनाने का 5 मिनट का वीडियो भेजने पर निर्णायक मंडल द्वारा सर्वश्रेष्ठ राखी निर्माता बालिकाओं को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

मंच के प्रांतीय संगठक मनोहर शरण ने बताया कि समाज में स्वदेशी भाव जागृत हो तथा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ें, इसी दिशा में राखी बनाओ प्रतियोगिता शुरू की गई है। हर घर में महिलाओं और बेटियों के माध्यम से स्वदेशी राखी बनें और इस बार रक्षाबंधन पर बहिन अपने भाई की कलाई पर स्वयं के हस्त निर्मित राखी ही बांधे चाहे वो कैसी भी हो, इसके लिए मंच द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।

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