उत्तराखंड में बनेगा माता सीता का भव्य मंदिर

. हर घर से एक पत्थर, 11 रुपये और एक मुठी मिट्टी से बनेगा मंदिर

. सरकार बनाएगी सीता सर्किट के माध्यम से धार्मिक पर्यटन

पाथेय डेस्क

उत्तराखंड, 14 नवम्बर । एक ओर जहां कई सालों से लंबित पड़े अयोध्या राम मंदिर केस पर सुनवाई पूरी हो गई और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान श्रीराम का मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया, तो वहीं अब उत्तराखंड में भी राम की अर्धांगिनी सीता का मंदिर बनाया जाएगा. त्रेता युग में माता सीता का पृथ्वी में समा जाना सब जानते हैं लेकिन कम लोगों को पता है कि वह स्थान उत्तराखंड में है. त्रिवेंद्र सरकार अब इस स्थल को सीता सर्किट के माध्यम से धार्मिक पर्यटन पटल पर लाने की योजना बना रही है.

सीता की भू-समाधि वाले स्थान पर बनेगा मंदिर
सीता की भू-समाधि वाले स्थान के रूप में विख्यात उत्तराखंड के पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा, ‘प्रस्तावित सीता माता सर्किट, पौड़ी के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस भव्य मंदिर के निर्माण पर काम भी शुरू कर दिया गया है. माता सीता ने भूमि से जन्म लिया और भूमि में ही समाधि ली थी. पौड़ी के सितोन्सयूं पट्टी में ये गांव है और माता सीता के नाम पर ही यहां का नाम सितोन्सयूं पड़ा है, यहीं माता सीता ने भूमि समाधि ली थी और वहां के लोग अनन्त काल से वहां पर माता सीता की पूजा हर साल करते हैं.

 

क्या खास है इस मंदिर में?
माता सीता के मंदिर व स्थान को लेकर तमाम प्राचीन अवशेष वहां पर मौजूद हैं. शहरी स्थानों को छोड़कर पहाड़ी छेत्रों में ये इकलौता मंदिर है और पास ही लक्ष्मण मंदिर भी है. यही पास ही में वह स्थान आज भी है, जहां पर सीता जी को लक्ष्मण ने विदाई दी थी, वो विदा कोटि आज भी यहां विराजमान हैं और उस जगह के लोगों की आराध्या आज भी सीता माता है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने कहा कि इस सर्किट के विकास के बाद भगवान राम और माता सीता में आस्था रखने वाला दुनिया का हर व्यक्ति फलस्वाड़ी गांव में जरूर आना चाहेगा. जहां माता सीता ने भू-समाधि ली थी. उन्होंने कहा कि फलस्वाड़ी में माता सीता का भव्य मंदिर बनाने के लिए क्षेत्र के हर गांव के हर घर से एक शिला, एक मुट्ठी मिट्टी और 11 रुपये दान किया जाए.

स्थानीय लोग भी मुख्यमंत्री की इस घोषणा से खुश

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए जल्द ही यात्रा की जाएगी जिसमें वह स्वयं देवप्रयाग से यहां यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि संत-महात्माओं ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है. वहीं स्थानीय लोग भी मुख्यमंत्री की इस घोषणा से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि सरकार अगर इसको सीता धाम के रूप में विकसित करती है तो यह पर्यटन की दृष्टि से पौड़ी के लिए काफी अच्छा साबित होगा और जो मुख्यमंत्री ने एक पत्थर और एक मुठी मिट्टी और 11 रुपये की मांग हर घर से की है, सभी लोग इसमें उनका सहयोग करेंगे.

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