अनुच्छेद 370 की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग देश की जनभावनाओं के विरुद्ध : विहिप

अनुच्छेद 370 की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग देश की जनभावनाओं के विरुद्ध : विहिप

अनुच्छेद 370 की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग देश की जनभावनाओं के विरुद्ध : विहिप

जयपुर, 26 अगस्त। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने देश के कुछ राजनैतिक दलों द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के विरुद्ध संयुक्त घोषणा पत्र जारी किए जाने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि देश जम्मू-कश्मीर के विरुद्ध अलगाववादी सुर सहन नहीं करेगा। विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के सम्बन्ध में राज्य की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग न सिर्फ देश की जनभावनाओं के विरुद्ध है, अपितु भारत के संविधान, न्याय व्यवस्था तथा संसद की अवमानना के साथ-साथ देश विरोध की भी पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि 6 राजनैतिक दलों के इस संयुक्त घोषणा पत्र पर अपनी सहमति व समर्थन जताते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की तालियों ने कांग्रेस के देश विरोधी चरित्र को भी एक बार पुन: सार्वजनिक कर दिया है। साथ ही राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि ‘इससे तो अच्छा होता कि मैं आतंकवादी बन जाता..’, बेहद शर्मनाक तथा घाटी के लोगों को आतंक की राह पर पुन: धकेलने हेतु उकसाने वाला बयान है। जम्मू कश्मीर सहित सम्पूर्ण भारत की जनता ऐसे लोगों को कभी क्षमा नहीं करेगी।

विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर (पाकिस्तान व चीन द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जाए गए सम्पूर्ण क्षेत्र के साथ) भारत का अभिन्न अंग है तथा उसके विषय में हर प्रकार का निर्णय लेने में संसद स्वतंत्र है। अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद भारत के मुकुट जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में स्थितियां सामान्य हो रही हैं, आम जन-जीवन पटरी पर आया है और क्षेत्र का विकास गति पकड़ने लगा है। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि इन अलगाववादी विपक्षी दलों को यह सब रास नहीं आ आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दशकों से अलगाववाद व आतंकवाद के दंश को झेलते हुए देशवासी तंग आ चुके थे।

5 अगस्त, 2019 के बाद से राष्ट्र-विरोधी तत्वों पर लगे अंकुश से देश कुछ राहत अनुभव कर रहा था कि अचानक एक बार पुन: इस अलगाववादी सोच ने देशवासियों को स्तब्ध व आक्रोशित कर दिया है। हालांकि ये सभी दल, अपनी ऐसी ही करतूतों के कारण, देश में पहले से ही अप्रासंगिक हो चुके हैं। विहिप का विश्वास है कि असंख्य लोगों के बलिदान व सम्पूर्ण देश के 70 वर्षों के संघर्ष के बाद अनुच्छेद—370 से मिली इस अभूतपूर्व स्वतंत्रता के विरोधी, इन अलगाववादी नेताओं को देश की राष्ट्रभक्त जनता समय पर समुचित जबाव भी देगी।

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