किसान संघ का प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन
जयपुर, 22 जुलाई। मंगलवार को सरकार के विरुद्ध भारतीय किसान संघ ने प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन किए। ये धरना प्रदर्शन किसान हित की विभिन्न मांगों को लेकर थे। प्रदर्शन के बाद ज्ञापन भी सौंपे। सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित हुए प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर आयोजित धरने में प्रदेश उपाध्यक्ष छोगालाल सैनी, प्रदेश मंत्री वीरेंद्र चौधरी, जयपुर प्रांत अध्यक्ष कालूराम, प्रांत मंत्री सांवरमल सोलेट समेत तहसीलों के अध्यक्ष व पदाधिकारी शामिल हुए।
इसी प्रकार सीकर, चुरू, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक व धौलपुर में भी किसान संघ के धरना प्रदर्शन आयोजित हुए। किसानों ने कहा कि पिछले कई माह से किसान हित की मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन देकर समाधान की मांग की जा रही है। इसके बावजूद सरकार का किसानों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में जिला मुख्यालयों के बाद अब तहसील व ग्राम पंचायतों तक प्रदर्शन किए जाएंगे।
प्रांत प्रचार प्रमुख राजीव दीक्षित ने बताया कि ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम बिजली को आधार मानकर गलत विजिलेंस कार्रवाई, डेमो में पर्याप्त पानी होने के बावजूद सिंचाई नहीं कराने, समर्थन मूल्य पर खरीद में औपचारिकता निभाने, बिजली के बिलों में मिलने वाला अनुदान रोकने, बिजली बिलों में पेनेल्टी वसूलने आदि से किसान व्यथित हैं। प्रमुख शासन सचिव तक को समस्या से अवगत करा दिया। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं रही है।
किसानों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बिजली बिल माफ करने, बिजली अनुदान दोबारा शुरू कराने, बिजली बिलों में एनपीएस खत्म करने, बकाया बिलों की वसूली बंद करने व कनेक्शन काटने जैसी कार्रवाई पर रोक लगाने, किसानों के ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए बकाया भुगतान की शर्त हटाने, कनेक्शनों के लिए डिमांड नोटिस जारी कराने, पुरानी राशि बिजली के बिलों में नहीं जोड़ने, सिंगल फेज कृषि कनेक्शन जारी कराने, किसानों का शोषण बंद करने व समर्थन मूल्य पर खरीद करने की मांग की।
इसके साथ ही टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को केमिकल व डीजल नि:शुल्क उपलब्ध कराने, टिड्डियों से फसल खराबे का मुआवजा दिलाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा का पैसा दिलाने की मांग की है। किसानों ने फसलों की सिंचाई के लिए नहरों से पानी दिलाने व विपणन की सुविधाएं दिलाने समेत नरेगा कार्यो ने किसानों के जोडने और गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की पुरजोर मांग की है।