संघ कर रहा आर्थिक, स्वास्थ्य व पारिवारिक परामर्श का प्रबन्ध
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गलवान में बलिदान हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि
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विषम परिस्थितियों में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवाकार्यों से विरोधियों ने प्रभावित होकर की प्रशंसा
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कोरोना काल में विकसित हुआ वर्चुअल व परिवार शाखाओं का कॉन्सेप्ट
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चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प व पर्यावरण संरक्षण हेतु बड़ी संख्या में पौधारोपण का आह्वान
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गुरु पूर्णिमा उत्सव सप्ताह भर मनाने का आह्वान
जयपुर, 1 जुलाई। राजस्थान के प्रत्येक जिले में प्रवासी श्रमिक आये हैं, उनका सर्वेक्षण कर उनसे व्यक्तिगत संवाद करना, उनसे मिलना, उनकी आर्थिक, मानसिक, स्वास्थ्य व पारिवारिक समस्याओं हेतु परामर्श की व्यवस्था करना, उनकी आजीविका के प्रबन्ध में सहयोग करने व प्रशिक्षण के माध्यम से तीनों श्रेणी सेवा-प्रदाता, श्रमिकों व स्वयं के रोजगार की इच्छा रखने वालों के मध्य सामंजस्य बिठाने का कार्य संघ ने हर जिले में शुरू किया है। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई दक्षिणी पूर्वी राजस्थान की संघचालकों की बैठक में राजस्थान के संघचालक डॉ. रमेश ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में विषम परिस्थितियों में रेडजोन में जाकर भी स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य किए हैं, जिनकी संघ के विचार से भिन्न मत रखने वालों ने भी प्रशंसा की है।
उन्होंने वर्चुअल माध्यम से सामाजिक सद्भावना बैठकें कर समाज को एकजुट करने का निर्देश सभी संघचालकों को दिया। आने वाली परिस्थितियों को देखते हुए चीन की सीमा पर हो रहे तनाव के लिए समाज को जागृत करने व किसी भी परिस्थितियों के लिए अपनी इकाई के स्वयंसेवकों को तैयार करने की बात भी कही।
पश्चिमी राजस्थान सीमा क्षेत्र के संघचालक ललित शर्मा ने सभी से सामाजिक एकजुटता बनाए रखने, देश में विभाजनकारी शक्तियों पर पैनी दृष्टि रखने व जागरूक रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा इस समय हमें सामाजिक समरसता को लेकर व्यापक प्रयास करने होंगे।
भरतपुर से उत्तर पूर्व के संघचालक सरदार महेंद्र सिंह मग्गो ने स्वरोजगार व परामर्श के लिए दो वेबसाइट्स की जानकारी देते हुए सभी को स्वदेशी का संकल्प लेने की बात कही।
चित्तौड़ प्रांत के संघचालक एडवोकेट जगदीश राणा ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग करने व स्वावलम्बन के लिए जागृति लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
ध्यातव्य है कि पिछले दिनों राजस्थान के पश्चिमी उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में संघचालकों की अलग-अलग बैठकें हुईं। जिनमें खंड संघचालक से लेकर जिला व विभाग संघचालकों ने सहभाग किया। बैठकों में उपर्युक्त विषयों के अतिरिक्त संघ की संगठनात्मक व्यवस्था, वर्चुअल परिवार शाखाओं, स्वयंसेवक सम्पर्क, पर्यावरण गतिविधियों व चीनी सामान के बहिष्कार आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। तीनों बैठकों में गलवान में बलिदान हुतात्मा सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
सह प्रांत संघचालक हरदयाल का कहना है कि संघ में संघचालक परंपरा डॉक्टर हेडगेवार के समय से ही चली आ रही है। संघचालक परिवार के मुखिया की तरह होता है। संघ में विभिन्न इकाइयों के संघचालक सभी को साथ लेकर चलने, सभी की बात सुनने तथा सभी कार्यकर्ताओं को उनका विकास कर आगे बढ़ाते रहने का कार्य सुचारू रूप से करते हैं।