अमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में संघ स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्थाएं

अमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में संघ स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्थाएं

अमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में संघ स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्थाएंअमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में संघ स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्थाएं

  • भोजन वितरण, भीड़ नियंत्रण व पार्किंग व्यवस्था को किया व्यवस्थित
  • 450 स्वयंसेवक सुबह 5.30 बजे से थे तैनात
  • माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित है अस्पताल

फरीदाबाद। देश की आध्यात्मिक संत माता अमृतानंदमयी के सानिध्य में संचालित अमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में जहां पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुस्तैद था। वहीं, दूसरी ओर 1000 स्वयंसेवकों की विशाल टोली ने समारोह को पूरी तरह अनुशासित व व्यवस्थित बनाया। समारोह में देश-विदेश से लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए थे। इतनी भीड़ होने के बावजूद समारोह में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं फैली। ब्राउन पैंट-सफेद शर्ट पहने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों के सेवा भाव की चर्चा चहुंओर थी। विशाल जनसमूह की व्यवस्था में जुटे गणवेशधारी 450 स्वयंसेवकों ने सुबह 5.30 बजे ही मोर्चा संभाल लिया था। हर आयु वर्ग के इन स्वयंसेवकों का सेवा एवं समर्पण का भाव देखते ही बन रहा था। इस समारोह में स्वयंसेवकों ने पार्किंग, भोजन वितरण, वीआईपी सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण को अपने जिम्मे लिया था।

अमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में भोजन वितरित करते संघ के स्वयंसेवकअमृता अस्पताल के लोकार्पण समारोह में भोजन वितरित करते संघ के स्वयंसेवक

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण समारोह में आने की स्वीकृति दी थी, उसी दिन अमृता अस्पताल के प्रबंधन ने समारोह को सफल बनाने के लिए संघ से सहयोग मांगा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर अच्छे काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। इसलिए संघ टोली ने अस्पताल प्रबंधन को भी सहर्ष तुरंत स्वीकृति दे दी।

समारोह में संघ ने पार्किंग में 75, भोजन वितरण में 200, वीआईपी सुरक्षा में 25 और भीड़ नियंत्रण में 100 स्वयंसेवकों को तैनात किया था। हर 10 स्वयंसेवक पर एक गटनायक भी लगाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की सुंदर व्यवस्था एवं स्वच्छ्ता की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

कार्यक्रम में पहुंचे स्वयंसेवक सुनील, रिंकू, नंदकिशोर, महेंद्र और अनुभव ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आज के कार्यक्रम में सेवा कार्य कर उन्हें बड़े आनंद की अनुभूति हो रही है। उन्हें गर्व है कि आज इस समाज हित के कार्यरूपी यज्ञ में अपने श्रम की आहुति डालने का अवसर मिला।

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