अलवर : गाय की बछिया के साथ बलात्कार के विरोध में बुधवार को पूरा क्षेत्र बंद रहा

अलवर : गाय की बछिया के साथ बलात्कार के विरोध में बुधवार को पूरा क्षेत्र बंद रहा

 

अलवर : गाय की बछिया के साथ बलात्कार के विरोध में बुधवार को पूरा क्षेत्र बंद रहा

17 फरवरी 2022, अलवर। अलवर स्थित तिजारा के चूहड़पुर गांव में गाय की बछिया के साथ बलात्कार के विरोध में बुधवार को पूरा क्षेत्र बंद रहा। संस्थान, बाजार स्वेच्छा से पूर्णतया बंद रहे। यहां तक की चाय की थड़ियां भी नहीं खुलीं। यह बंद जनता के आक्रोश को उजागर कर रहा था। गाय के साथ बलात्कार के विरोध में निकली रैली में दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग की गई।

अलवर के चूहड़पुर क्षेत्र में सोमवार को गो के साथ यौन दुराचार का शर्मनाक मामला सामने आया था। घटना 10 फरवरी की बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में चार मुस्लिम युवक गाय की एक बछिया के साथ बर्बरता करते दिख रहे थे। चारों ने मिलकर बछिया को जमीन पर गिरा दिया। एक बछिया के मुंह को पैर से दबाकर खड़ा हो गया। इन्हीं में से एक ने वीडियो बनाया। पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद आरोपियों- जुबेर, वारिस, चूना व तालीम को गिरफ्तार कर लिया।

इस प्रकरण में चोपानकी थाना क्षेत्र के निवासी पशु मालिक ने रिपोर्ट लिखवाई कि वह अपने मवेशियों- बकरी तथा गोवंश को पहाड़ी पर चरने के लिए छोड़ कर अपने घर खाना खाने आ गया। खाना खाकर पहाड़ पर लौटा तो वहां पर कुछ लोग उसकी एक बछिया के पैर मोड़कर उसके साथ गलत काम करते हुए वीडियो बना रहे थे। उसने विरोध किया तो वे उसे जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए।

इस घटना को लेकर हिंदुओं में अत्यधिक रोष है। बुधवार को आक्रोश रैली निकालकर पुलिस महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा गया। हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरकर गोमाता के लिए न्याय मांग रहे लोगों ने कहा कि ऐसा घिनौना अपराध उन्होंने अपने जीवन में कभी सुना नहीं। गोवंश से कुकर्म की घटना ने सबको झकझोर दिया है। दोषियों को किसी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता। सर्वसमाज एकजुट होकर दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहा है।

मेवात का परिदृश्य विदेशी इस्लामिक आक्रमण से जूझते मध्यकालीन भारत से कुछ भिन्न नहीं है। यहां चुन-चुनकर हिंदुओं के मानबिंदुओं को नष्ट करने के प्रयास हो रहे हैं। निष्पाप बालिकाएं बलात्कार, अपहरण, हत्या का शिकार हो रही हैं। गत दिनों मूक -बधिर बालिका से वीभत्स दुष्कर्म तथा उस पर प्रशासन की लीपापोती भी इसी क्षेत्र की घटना थी। मेवात में गो हत्या व गो तस्करी धड़ल्ले से जारी है। पुलिस तथा गोसेवकों पर गोली चलाने वाले गोतस्करों को पकड़ने की बजाय प्रश्रय दिया जा रहा है। साइबर क्राइम से बेटियों को निशाना बनाने में मेवात के ही मुस्लिम समुदाय का नाम बार-बार  सामने आता है। मेवात के कई क्षेत्रों में पुलिस व प्रशासन का नियंत्रण नाम मात्र का रह गया है। राज्य सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के अपराधियों को खुली छूट दी जा रही है।  यहां गो माता और स्त्रियाँ बार-बार अपमानित की जा रही हैं क्योंकि ये दोनों ही हिंदुओं के लिए पूज्य हैं। हिंदू समाज में गौ तथा नारी का सम्मान सर्वोपरि है। उक्त घटना का विडियो बनाकर वायरल करने के पीछे भी हिंदुओं की पूज्य गाय को प्रताड़ित करने की यही कुत्सित मानसिकता काम कर रही थी।

शास्त्रों में गाय को ‘पृथ्वी’ की संज्ञा दी गई है जो जीवमात्र का वात्सल्य भाव से पालन-पोषण करती है। इसीलिए वह ‘माँ’ है। यदि भारत में ही हिंदुओं की आराध्य गो माता को संरक्षण नहीं मिला तो शेष बड़ी-बड़ी बातों का अर्थ ही क्या रह जाता है?

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