इजरायल पर अब तक के सबसे भीषण आक्रमण की कहानी…

इजरायल पर अब तक के सबसे भीषण आक्रमण की कहानी...

इजरायल पर अब तक के सबसे भीषण आक्रमण की कहानी...इजरायल पर अब तक के सबसे भीषण आक्रमण की कहानी

बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व न्यायिक सुधार बिल लागू किया। प्रारंभ में कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन बाद में कुछेक वामपंथी, जो हमास को संरक्षण देते हैं, ने बेरूत में एक बैठक बुलाई। बैठक में यह निर्णय हुआ कि इजरायल में अपनी विचारधारा के लोगों को आगे कर धरने प्रदर्शन करवाए जाएं और सम्पूर्ण इजराइल में लंबे समय तक हड़ताल करवाई जाए, सड़कें बंद की जाएं ताकि इजरायल सरकार का पूरा ध्यान इन धरना प्रदर्शनों और हड़ताल के ऊपर रहे। साथ ही पाकिस्तान ने हमास के आतंकियों को पूरी ट्रेनिंग दी। छोटी बोट और पनडुब्बी तक उपलब्ध करवायी। उन्हें इजरायल मिलिट्री बेस पर आक्रमण तक की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद ये आतंकवादी जल, थल और नभ तीनों के रास्ते इजरायल में घुसे और आतंक मचाया।

विश्व की सर्वश्रेष्ठ गुप्तचर एजेंसी मोसाद को भी इसकी भनक नहीं लग पाई क्योंकि सरकार और मोसाद का पूरा ध्यान इजरायल में पहले धरना प्रदर्शन, अराजकता इत्यादि पर था। हालाँकि अब इजरायल पलटवार कर रहा है।

आज सोशल मीडिया ऐप एक्स (ट्विटर) पर एक दो नहीं बल्कि हजारों वीडियो हैं, जिनमें हमास के इस्लामी आतंकी दरिंदे महिलाओं और बच्चियों के साथ दरिंदगी कर रहे हैं।इजरायल में अब तक 40 से अधिक महिलाओं के साथ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज हुई है।

फिलिस्तीन, जैसा इजरायल के नागरिकों के साथ कर रहा है, उसे दारुल इस्लाम की अवस्था कहते हैं। इजरायल दारुल इस्लाम को अच्छी तरह समझता है। भारत अभी एक देश के स्तर पर दारुल इस्लाम से अवगत नहीं है। क्योंकि दारुल इस्लाम, इस्लाम मजहब की तीन अवस्थाओं में से एक है। भारत का बहुतायत भाग अभी दारुल हरब में जी रहा है। इसलिए वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष को बस एक युद्ध के रूप ही में देख सकता है‌।

फिलिस्तीन के मुसलमान जो चित्र प्रस्तुत कर रहे हैं, दारुल हरब में जीने वाले भारतीय चाहें तो इसमें अपने मुगलकालीन इतिहास के दर्शन कर सकते हैं। दारुल हरब और दारुल इस्लाम वालों ने एक ऐसी सभ्यता को जिया है, जिसमें स्त्रियां तो क्या, स्त्रियों के शव भी सुरक्षित नहीं होते। इस दारुल हरब से बचने के लिए ही हमारे देश में जौहर की ज्वालाएं उठी थीं।

ये आतंकी घातक हथियारों से लैस हैं, इन्होंने इजरायली सेना के टैंकों पर भी कब्जा कर लिया है।

पिछले कुछ महीनों से न्यायिक सुधार के विरुद्ध इजरायल में हड़ताल थी, इजरायल की जनता सड़कों पर थी। उसी का लाभ उठाकर हमास और फतेह दोनों आतंकी संगठनों ने एक साथ ही इजरायल पर हमला कर दिया।

नेशनल व इंटरनेशनल सोशल मीडिया पर इजरायल की आवाज को साथ मिलता दिख रहा है। भारत का मेनस्ट्रीम मीडिया भी इजरायल के साथ पूरी तरह खड़ा नजर आ रहा है।

हां, बीबीसी ने थोड़ा प्रयास किया है, हमास के प्रवक्ता के शब्दों को कवरेज देने का।

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