आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का असर, बाजार में स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ी

आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का असर, बाजार में स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ी

आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का असर, बाजार में स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ी

बीकानेर, 12 नवम्बर। भारत चीन के बीच उपजे तनाव के बाद देश में चीनी सामान के बहिष्कार और आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का असर दीपावली पर भी दिख रहा है। हमेशा की तरह इस बार बाजारों में चीन में बना सामान दिखाई नहीं दे रहा है। आमजन का स्वदेशी वस्तुओं के प्रति रुझान बढ़ा है। इस बार गाय के गोबर से बने दीपक लोगों को पसंद आ रहे हैं।

बीकानेर गोशाला संघ के अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना ने बताया कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के आह्वान पर अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 33 जिलों में 33 लाख गायों के गोबर से बने दीपक लोगों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इस बार दीपावली पर गोमय दीपक जलाए जाएंगे। बीकानेर में अभी तक 15 हजार से अधिक दीपक लोग स्वेच्छा से अपने घर ले जा चुके हैं और लगातार इन दीपकों के ऑर्डर भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये दीपक दो प्रकार के हैं। एक दीपक जो तेल से जला कर सामान्य दीपक की तरह उसे घर में सजाया जाएगा, दूसरा दीपक घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए हवन सामग्री के साथ बना है, उस दीपक को देशी घी से जलाया जाएगा, उससे घर का वातावरण शुद्ध होगा। इस दीपक के जलने से घर में हवन की खुशबू महकेगी। जो घर के वातावरण में पटाखों की गैस को कम करने में सहायक होगी। नीमराणा के अनुसार देसी गाय के गोबर से बने दीपक में गोबर के साथ गोंद का उपयोग किया गया है। इसमें 40 प्रतिशत ताजा गोबर और 60 प्रतिशत सूखा गोबर गोंद के साथ मिलाकर ये दीपक बनाए जा रहे हैं। गोबर के साधारण दीपक की कीमत 2 रुपए व हवन सामग्री मिलाकर बनाए गए गोबर के दीपक की कीमत 5 रुपए है। गोबर के दीपक के साथ-साथ गोबर से लक्ष्मी-गणेशजी की प्रतिमा भी बनाई गई है। लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा की कीमत 31 रुपए रखी गई है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर देशवासियों को स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग अधिक करने का आह्वान किया था। इसी आह्वान से जागरूक होकर लोग चीन के सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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