कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही सक्रिय हुए फिरकापरस्त

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही सक्रिय हुए फिरकापरस्त

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही सक्रिय हुए फिरकापरस्तकर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही सक्रिय हुए फिरकापरस्त

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही स्वयं को सेक्युलर कहने वाली सांप्रदायिक शक्तियां सक्रिय हो गई हैं और खुले आम हिन्दू विरोधी बयान दे रही हैं। कांग्रेस ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनने पर बजरंगदल को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी, हालांकि बाद में पार्टी इससे पलट भी गई थी। लेकिन इस अपील पर मुसलमानों ने एकमुश्त वोट कांग्रेस को दिया था। जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी अब कांग्रेस को उसका वादा याद दिला रहे हैं। एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में मदनी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस को 90-100 प्रतिशत मुस्लिमों ने वोट दिया। अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करे और बजरंग दल पर बैन लगाए। ऐसा नहीं करने पर मुसलमानों का कांग्रेस से भरोसा उठ जाएगा और आगामी चुनावों में वे कांग्रेस का समर्थन नहीं करेंगे।

दूसरी ओर फेक प्रोपेगेंडा के लिए कुख्यात एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मानवाधिकार की आड़ में मुस्लिम तुष्टिकरण का राग फिर अलापा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कर्नाटक सरकार से तीन बिन्दुओंहिजाब से प्रतिबंध हटाने, गोवध को वैध करने और मुस्लिम दुकानों का बहिष्कार करने वाले हिन्दुओं से बदला लेने को कहा है।

एमनेस्टी की पहली मांग महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाती है, दूसरी पशु क्रूरता को बढ़ावा देती है और तीसरी आम हिन्दू नागरिकों पर प्रतिशोध को बढ़ावा देती है।

इन मांगों पर कांग्रेस का रुख

अफसोस की बात है कांग्रेस ने इन फिरकापरस्त शक्तियों की मांगों को गम्भीरता से लिया है कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध, गोवध प्रतिबंध और कन्वर्जन कानून सहित अन्य मामलों पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम अपने रुख को लेकर बहुत स्पष्ट हैं। हम ऐसे किसी भी कार्यकारी आदेश व विधेयक की समीक्षा करेंगे जो कर्नाटक की आर्थिक नीतियों के प्रतिकूल है। जो राज्य की खराब छवि प्रस्तुत करता है। कोई भी विधेयक जो आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, कोई भी विधेयक जो रोजगार पैदा नहीं करता है, कोई भी विधेयक जो किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है, कोई भी विधेयक जो असंवैधानिक है उसकी समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उसे रद्द किया जाएगा।

क्या है कांग्रेस और एमनेस्टी इंटरनेशनल का कनेक्शन?

कांग्रेस का एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सलिल शेट्टी से गहरा रिश्ता है। सलिल शेट्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। वे जॉर्ज सोरोस के एनजीओ ओपन सेक्रेटरी फाउंडेशन के वाइस प्रेसीडेंट हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल का भारत विरोधी इतिहास

एमनेस्टी इंटरनेशनल का भारत विरोधी इतिहास पुराना है। एमनेस्टी वर्ल्डवाइड यूके ने भारत में देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एमनेस्टी इंडिया को 51 करोड़ रुपए अवैध रूप से भेजे थे। यह पैसा कश्मीर : एंट्री टु जस्टिस और जस्टिस फॉर 1984 सिख ब्लड बाथ को प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए भेजा गया था।

ईडी के अनुसार मानवाधिकार रिपोर्ट तैयार करने और कुछ अन्य सेवाओं के नाम पर एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से AIIPL को 36 करोड़ रुपए मिले।

ED ने FEMA के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AIIPL) पर 51.72 करोड़ रुपए और उसके पूर्व सीईओ आकार पटेल पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल पर आरोप है कि वह विदेशी अंशदान विनिमय अधिनियम से बचने के लिए FDI के रास्ते अपनी गैर FCRA भारतीय संस्थाओं को विदेशी फंड भेज रहा था।

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