कई लोग सामाजिक दूरी को सामाजिक निकटता में बदल चुके हैं जबकि कई लोग तो बार-बार 20 सेकंड तक हाथ धोने का ज्ञान भी भूल चुके हैं। शायद लोग तो यह भी भूल चुके हैं कि देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

शुभम वैष्णव

अक्सर देखने में आता है कि जब भी व्यक्ति को छूट दी जाती है तो वह उसका गलत इस्तेमाल करने लगता है। अब देखिए ना सरकार ने सख्त लॉकडाउन में छूट दी तो लोग फिर से पुराने ढर्रे पर लौट आए। लॉकडाउन की सख्ती हटते ही लोगों की जीवनशैली पहले की तरह ही हो गई है। यह सब देख कर अब तो ऐसा लगने लगा है मानो कोरोना वायरस जैसा अदृश्य शत्रु हमारे मध्य से गायब हो चुका है। जबकि सच यह है कि अब यह हमारे अधिक निकट है।

लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं। बहुत सारे लोग बिना मास्क लगाए ही घूम रहे हैं। कई लोग सामाजिक दूरी को सामाजिक निकटता में बदल चुके हैं जबकि कई लोग तो बार-बार 20 सेकंड तक हाथ धोने का ज्ञान भी भूल चुके हैं।

शायद लोग तो यह भी भूल चुके हैं कि देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो कोरोना कभी भी किसी के भी घर दस्तक दे सकता है और यह दस्तक परिवार और समाज दोनों को ही भारी पड़ने वाली है। लोगों को याद रखना चाहिए कि अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है। याद रखें सरकार ने लॉकडाउन में छूट सिर्फ हमारी परेशानियों को कम करने के लिए दी है ना कि कोरोना संक्रमण की दर बढ़ाने के लिए।

आज की परिस्थितियों में घर पर रहें और सुरक्षित रहें, की जगह भले ही घर से बाहर रहें पर मास्क लगाकर रहें और सामाजिक दूरी का पालन करें, लेकिन बिना कारण घर से न निकलें।

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