जयपुर बम धमाकों पर 11 साल बाद आया फैसला

गिरफ्तार पांच में से 4 आरोपित दोषी करार, जल्द हो सकता है सजा ऐलान

13 मई 2008 को जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र में हुए सिलसिलेवार आठ बम धमाकों की घटना के 11 साल 7 महीने और 5 दिन बाद विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए गिरफ्तार पांच आरोपितों में से चार को दोषी करार दिया है तथा एक आरोपित को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया है। दोष मुक्त किए गए आरोपित मोहम्मद शहबाज हुसैन ने बम धमाकों के अगले दिन 14 मई को ईमेल भेजकर इंडियन मुजाहिद्दीन नाम से धमाकों की जिम्मेदारी ली थी। बताया जा रहा है कि न्यायालय आगामी कुछ दिनों में चारों आरोपितों की सजा का ऐलान कर सकती है। गौरतलब है कि जयपुर धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी, 185 लोग घायल हुए थे।

बुधवार को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने फैसला सुनाते हुए जयपुर के केंद्रीय कारागार में बंद चार आरोपितों मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को दोषी करार दिया है। इस बीच 5 न्यायाधीशों ने सुनवाई की और 4 विशेष लोक अभियोजकों ने पीडि़तों का पक्ष रखा। न्यायालय में कुल 1293 गवाह पेश किए गए।

आरोपितों ने पूछताछ के दौरान एटीएस को बताया कि जयपुर पहुंचने पर सभी ने परिवर्तित हिंदू नामों से साइकिल खरीदी और विस्फोटक वाला बैग रखकर पहले से चिह्नित जगहों पर खड़ी करके विस्फोटक में टाइमर के सैल लगा दिए। फिर ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए।

बम धमाकों के अगले दिन 14 मई को धमाकों की जिम्मेदारी का एक ई-मेल इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम से जारी हुआ था। तफ्तीश में सामने आया कि उत्तरप्रदेश के साहिबाबाद स्थित एक कम्प्यूटर जॉब वर्क की दुकान से यह जारी हुआ था। तीन महीनों की तफ्तीश के बाद 25 अगस्त 2008 को शहबाज हुसैन को यूपी पुलिस ने पकड़ा। इसके बाद 19 सितम्बर 2008 को बटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद सैफ को पकड़ा था। इसके बाद अन्य आरोपियों का पता चला।

जयपुर धमाकों के मामले में आरोपित मोहम्मद आतीफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साजिद बाटला एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। तीन आरोपित मिर्जा शादाब बैग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा, मोहम्मद खालिद अब भी फरार हैं। एक अन्य आरोपी आरिज खान उर्फ जुनैद दिल्ली पुलिस की हिरासत में है।

चश्मदीद बताते हैं कि 13 मई 2008 के दिन शाम करीब 7.10 बजे हनुमान मंदिर पर पहला ब्लास्ट हुआ। इसके बाद बड़ी चौपड़, मानक चौक पुलिस स्टेशन इलाका, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और कोतवाली इलाके में 15 मिनट के अंदर 8 बड़े धमाके हुए। हर तरफ तबाही का मंजर था। देखते ही देखते परकोटा में 71 लाशों का अंबार लग गया और 186 लोग घायल हुए थे। उस खौफनाक मंजर की याद आते ही आज भी लोग सिहर जाते हैं।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *