नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास बनाया

नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास बनाया

नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास बनायानीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास बनाया

ओलिंपिक में गोल्ड, डायमंड लीग में गोल्ड और अब वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भी गोल्ड जीतकर जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को खेलों में भी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास बना दिया। उन्होंने 88.17 मीटर का थ्रो करते हुए भारत को विश्व चैंपियनशिप इतिहास का पहला गोल्ड दिलाया। इससे पहले उन्होंने सिल्वर मेडल और अंजू बॉबी जॉर्ज ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

दूसरी ओर, भारत के अन्य दो एथलीट किशोर जेना ने 84.77 मीटर का बेस्ट थ्रो किया। वह 5वें और डीपी मनु 84.14 मीटर के साथ छठे नंबर पर रहे। यह पहला अवसर था जब जैवलिन थ्रो के फाइनल के लिए भारत के 3 एथलीटों ने क्वॉलिफाई किया था।

नीरज चोपड़ा पोलैंड में, इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशंस 2016 वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। वे टोक्यो ओलंपिक 2020 में पहले प्रयास में 86.65 मीटर भाला फेंककर क्वालिफिकेशन में ‘ग्रुप ए’ में शीर्ष पर रहने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता और भारत को जैवलिन गेमर के रूप में स्थापित किया। 2018 दोहा डायमंड लीग में 87.43 मीटर भाला फेंकने का राष्ट्रीय कीर्तिमान भी उनके नाम है।उन्होंने जकार्ता में हुए 2018 एशियाई खेलों में 88.06 मीटर भाला फेंककर अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 2021 में, 88.07 मीटर थ्रो के साथ एक बार फिर नया कीर्तिमान बनाया।

जेवलिन थ्रो के सितारे कहे जाने वाले भारत के इस सितारे ने ऑस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता, फिनलैंड के सेवो गेम्स और फ्रांस में हुए सोटेविल एथलेटिक्स मीट में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया। टोक्यो गेम्स के समय जर्मनी के बायोमेकेनिक्स के एक्सपर्ट क्लोस बार्टोनिज ने उनके कोच की भूमिका निभाई।

2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2020 ओलंपिक गोल्ड के बाद वे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से दिया गया ।

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