चंद्रयान 3 मिशन : प्रज्ञान ने चंद्रमा पर खनिजों, धातुओं और ऑक्सीजन की खोज की

चंद्रयान 3 मिशन : प्रज्ञान ने चंद्रमा पर खनिजों, धातुओं और ऑक्सीजन की खोज की

चंद्रयान 3 मिशन : प्रज्ञान ने चंद्रमा पर खनिजों, धातुओं और ऑक्सीजन की खोज कीचंद्रयान 3 मिशन : प्रज्ञान ने चंद्रमा पर खनिजों, धातुओं और ऑक्सीजन की खोज की

चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर चुका है। इसरो का कहना है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ठीक प्रकार से अपना कार्य कर रहे हैं।

रोवर ने मिशन के दौरान लैंडर को जो डेटा भेजा है, उसके आधार पर इसरो ने 27 अगस्त को चंद्रमा के तापमान का ग्राफ जारी किया था, जिसमें बताया गया कि चंद्रमा की सतह पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है, जबकि 8 सेंटीमीटर गहराई में यह शून्य से भी 10 डिग्री नीचे (माइनस 10) चला जाता है अर्थात 8 सेंटीमीटर की गहराई पर तापमान में 60 डिग्री सेल्सियस का अंतर पाया गया।

चंद्रयान 3 मिशन को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अगस्त 2023 को लैंड करवाया गया था। आज मिशन को चंद्रमा पर एक सप्ताह पूर्ण हो गया है अर्थात चंद्रमा का आधा दिन चंद्रयान 3 ने पूरा कर लिया है। इन 7 दिनों में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने कई चीजों की खोज की है।

प्रज्ञान रोवर ने 29 अगस्त 2023 को बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन है। यह काम उसमें लगे LIBS पेलोड अर्थात यंत्र “लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी” ने किया है। इस यंत्र को चंद्रमा की सतह पर उपस्थित खनिजों और रसायनों की खोज और पुष्टि के लिए भेजा गया है। LIBS के द्वारा ऑक्सीजन सहित कई खनिजों, धातुओं और रसायनों की खोज चंद्रमा पर की गई है।

लिब्स (LIBS) चंद्रमा की सतह पर तीव्र लेजर किरणें फेंक कर उससे निकलने वाले प्लाज्मा की एनालिसिस करता है। ये लेजर किरणें बहुत अधिक तीव्रता के साथ पत्थर या मिट्टी पर गिरती हैं। जिससे वहां पर बहुत गर्म प्लाज्मा जन्म लेता है। प्लाज्मा से निकलने वाली रोशनी यह बताती है कि सतह पर किस तरह के खनिज या रसायनों की उपस्थिति है।

इसरो ने मंगलवार 29 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से चंद्रयान-3 की अभी तक की खोज के बारे में जानकारी दी। चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान के पेलोड ने जिन तत्वों की खोज की है, उनमें- एल्युमिनियम (Al), सल्फर (S), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) सम्मिलित हैं।

इसके साथ ही चंद्रयान 3 के द्वारा हाइड्रोजन की खोज की जा रही है। यदि चंद्रमा पर हाइड्रोजन की उपस्थिति को खोज लिया गया तो यह चंद्रमा पर जल की खोज की दिशा में बड़ा कदम होगा। इसके अलावा जब प्रज्ञान रोवर प्रयोग करने के लिए चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी कर रहा था, तो यहां 4-मीटर व्यास वाला एक क्रेटर मिला, जो प्रज्ञान रोवर से केवल 3 मीटर आगे था। इसके बाद प्रज्ञान को दूसरे रास्ते पर जाने का निर्देश दिया गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में इस प्रकार के कई क्रेटर्स उपस्थित हैं। कई क्रेटर्स तो इतने गहरे हैं कि उनमें कभी सूरज की कोई किरण तक नहीं पहुंच पाई है।

वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की विशेषज्ञ कैंडेस जॉनसन ने 26 अगस्त, शनिवार को कहा था कि चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ के होने का पता चलने की बड़ी आशा है। नई दिल्ली में उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित बी-20 सम्मेलन में जॉनसन ने कहा था कि भारत का अंतरिक्ष मिशन सिर्फ उसके युवाओं को नहीं, बल्कि विश्वभर के युवाओं को प्रेरित कर रहा है।

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