भारत और सऊदी अरब ऊर्जा क्षेत्र में सहयोगी बनेंगे

भारत और सऊदी अरब ऊर्जा क्षेत्र में सहयोगी बनेंगे

भारत और सऊदी अरब ऊर्जा क्षेत्र में सहयोगी बनेंगेभारत और सऊदी अरब ऊर्जा क्षेत्र में सहयोगी बनेंगे

सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जी-20 शिखर सम्मलेन के बाद सोमवार को एक दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत में थे। सोमवार को ही भारत और सऊदी अरब के संबंधों में एक बड़ी प्रगति देखने को मिली, जिसमें दोनों देश अपने संबंधों को तेल से आगे बढ़ाते हुए ऊर्जा क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। दोनों देश अपने इलेक्ट्रिक ग्रिड, नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन ग्रिड को जोड़ने के लिए एक समुद्री केबल बिछाने पर सहमत हुए हैं।

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग तथा सऊदी निवेश मंत्रालय द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में भारत-सऊदी अरब निवेश फोरम 2023 (“फोरम”) का आयोजन किया गया। भारत-सऊदी अरब इन्वेस्टमेंट फोरम में बोलते हुए सऊदी अरब के निवेश मंत्रालय में डिप्टी निवेश मंत्री बद्र अल बद्र ने कहा कि, “सऊदी अरब के निवेश मंत्रालय और इन्वेस्ट भारत के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ है, जिसका उद्देश्य परस्पर निवेश योजनाओं को दृढ़ करना है।”

इस फोरम में भारत और सऊदी अरब की 500 से अधिक कंपनियों की भागीदारी रही। यह भारत और सऊदी अरब के बीच पहली औपचारिक निवेश संगोष्ठी है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने के बारे में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस द्वारा पूर्व में की गई घोषणा की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में आयोजित की गई है। इन वार्ताओं में स्टार्ट-अप, डिजिटल बुनियादी ढांचा विकास, दोनों देशों के व्यापार और निवेशक इको-सिस्टम के बीच घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों और साधनों के बारे में चर्चा की गई। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान लगभग 50 समझौते हुए हैं। इनमें निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक उपक्रमों के मध्य हुए समझौते भी सम्मिलित है।

भारत और सऊदी अरब के मध्य व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत का सऊदी अरब के लिए निर्यात वर्ष 2018 में 5.6 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2022 में 10.7 अरब डॉलर हो गया है। सऊदी अरब के भारत के लिए निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2018 में यह 26 अरब डॉलर था, जो 2022 में बढ़कर 42 अरब डॉलर हो गया।

वहीं सऊदी अरब के निवेश मंत्री ख़ालिद अल फलीह ने कहा है कि सऊदी अरब भारत के गुजरात प्रांत में सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड का कार्यालय भी प्रारंभ कर सकता है।

जी-20 सम्मेलन के पहले दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ की रूपरेखा सामने रखी थी। इस परियोजना में अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ-साथ सऊदी अरब की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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