पर्यावरण, परिवार व्यवस्था, समरसता, स्वदेशी और नागरिक कर्त्तव्य पर होगी चर्चा- सुनील आंबेकर

पर्यावरण, परिवार व्यवस्था, समरसता, स्वदेशी और नागरिक कर्त्तव्य पर होगी चर्चा- सुनील आंबेकर

पर्यावरण, परिवार व्यवस्था, समरसता, स्वदेशी और नागरिक कर्त्तव्य पर होगी चर्चा- सुनील आंबेकरपर्यावरण, परिवार व्यवस्था, समरसता, स्वदेशी और नागरिक कर्त्तव्य पर होगी चर्चा- सुनील आंबेकर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 2023 पुणे में हो रही है, जिसमें 36 संगठनों के लगभग 266 प्रमुख पदाधिकारी सम्मिलित हो रहे हैं। पर्यावरण पूरक जीवनशैली, जीवन मूल्य आधारित परिवार व्यवस्था, समरसता का आग्रह, स्वदेशी का आचरण और नागरिक कर्तव्यों का वहन इन पांच मुद्दों पर बैठक में चर्चा की जाएगी। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने दी। रा. स्व. संघ समन्वय बैठक के विषय में जानकारी देने हेतु आयोजित पत्रकार वार्ता में सुनील आंबेकर के साथ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत कार्यवाह डॉ. प्रवीण दबडघाव भी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक अपने शाखा कार्य के माध्यम से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगे हुए हैं। शाखा के काम करने के साथ-साथ समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्र में जाकर अलग-अलग प्रकार के कार्य में लगे हैं। वे सारे कार्य सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्य के लिए हैं।

बैठक में सम्मिलित होने वाले सभी संगठन संघ से प्रेरित हैं, समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में स्वायत्त रूप से काम करते हैं। इन संगठनों की वर्ष में एक बार बैठक होती है, सभी अपने कार्यों व अनुभवों को साझा करते हैं और इस अवसर पर एक दूसरे से सीखने और समझने का अवसर मिलता है। ये सभी संगठन समान उद्देश्य और लक्ष्य लेकर कार्य करते हैं। कई संगठन मिलकर काम करते हैं, बैठक में इस प्रकार के सामूहिक कार्यों पर भी चर्चा होती है।

बैठक का उद्देश्य होता है कि समाज के सामने जो चुनौतियां आती हैं, उनका संकलन कर एक दिशा तय करना और राष्ट्रीय भावना से कार्य करना, जिससे कार्य करने की गति बढ़ सके। लगभग जीवन के हर क्षेत्र में काम करने वाले अलग-अलग संगठन के प्रतिनिधि यहां पर सहभागी होंगे। यह सारे संगठन कई वर्षों से सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं और अपने परिश्रम से उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। इसमें अपने-अपने क्षेत्र के उनके जो अनुभव हैं, वह इस बैठक में साझा करेंगे। राष्ट्रीय स्थिति और वर्तमान परिदृश्य के संदर्भ में भी वह अपने अनुभव यहां बताएंगे। उससे जुड़े हुए कई विषयों पर यहां मूलभूत चिंतन भी होगा और संगठन की आगामी क्या दिशा है, अपने-अपने क्षेत्र में उन्होंने क्या सोचा है, इसके बारे में भी अपनी योजनाओं को यहां पर साझा करेंगे।

उन्होंने कहा, कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल डॉ. मनमोहन वैद्य, अरुण कुमार, मुकुंद और रामदत्त चक्रधर सहित प्रमुख पदाधिकारी बैठक में सम्मिलित होंगे। बैठक में विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सक्षम, वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती, विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्र सेविका समिति, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ सहित अन्य सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि सहभागी होंगे।

उन्होंने बताया कि सामाजिक परिवर्तन के जो प्रयास चल रहे हैं, उनमें जीवन मूल्यों के साथ परिवार चलने चाहिए। अपने जीवन को पर्यावरण की सुरक्षा के साथ चलाना चाहिए। स्वदेशी के साथ अपनी आर्थिक नीतियां बननी चाहिए और साथ ही यह सब करते हुए हमारे जीवन में समरसता का संदेश होना चाहिए ताकि जातिगत भेदभाव समाप्त हो। ऐसे कई विषयों पर इन तीन दिनों में चर्चा होगी।

यह बैठक प्रतिवर्ष आयोजित होती है। पिछले वर्ष यह छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हुई थी।

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