भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है- स्वामी विज्ञानानंद

भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है- स्वामी विज्ञानानंद

भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है- स्वामी विज्ञानानंद भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है- स्वामी विज्ञानानंद

लखनऊ। श्रावण शुक्ल त्रयोदशी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, लखनऊ पूरब भाग द्वारा कुँवर ग्लोबल स्कूल देवा रोड़ चिनहट में रक्षाबंधन उत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त सचिव एवं विश्व हिन्दू फाउण्डेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानन्द ने कहा कि आज भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है, हम सभी को इस ओर सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है।

आज कुछ विभेदनकारी शक्तियां समाज को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं, किन्तु हमें इस रक्षाबन्धन के अवसर पर यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और विभेदनकारी तत्वों से समाज को बचाने के लिए कटिबद्ध रहेंगे। सभी हिन्दू सहोदर भाई हैं, कोई ऊँच-नीच नहीं है। सभी समान हैं, हम सभी भारत माँ के पुत्र-पुत्री हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था हमारी अमूल्य धरोहर है। आज हमारे परिवार टूट रहे हैं, इन्हें भी बचाने का संकल्प हम सबको करना है। भारत की परिवार व्यवस्था सुदृढ़ होने से हमारी संस्कृति, आध्यात्मिकता, पर्यावरण, शिक्षा, संस्कार आदि अक्षुण्ण रह पाएँगे। इसलिए हम अपने परिवार को संभालें, अपनी संस्कृति को बचाने के उपक्रम करें। समाज को साथ लेकर चलें। इसके लिए परिवार में सामूहिक भोजन, सामूहिक देव पूजा, सामूहिक चर्चा, सद्ग्रन्थ का पाठन, अतिथि सत्कार जैसे अपने जीवन मूल्य स्थापित करें। रक्षाबंधन उत्सव हमें यह सिखाता है कि संस्कृति की रक्षा करें।

भारत ने लम्बे समय तक परकियों से संघर्ष किया, जिसमें हमने बहुत कुछ खोया है। इसलिए हम अपने स्व को जाग्रत करें। अपने जीवन में भाषा, परिधान, भोजन, भ्रमण, भजन स्वदेशी हों।

कार्यक्रम अध्यक्ष लाल प्रसाद सिंह ने कहा कि रक्षाबन्धन उत्सव केवल भाई-बहन का उत्सव नहीं, अपितु सम्पूर्ण जनमानस का उत्सव है।

विश्व हिन्दू फाउण्डेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानन्द ने कहा कि आज भारत सम्पूर्ण दुनिया का मार्गदर्शन करने की ओर अग्रसर है, हम सभी को इस ओर सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *