राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार के लिए विद्या भारती की माय नेप प्रतियोगिता

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार के लिए विद्या भारती की माय नेप प्रतियोगिता

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार के लिए विद्या भारती की माय नेप प्रतियोगिता

  • विद्या भारती चित्तौड़ की कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न।
  • विद्या भारती नई शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 13 भाषाओं में 25 सितंबर से 2 अक्टूबर 2020 तक जन जागरण हेतु माय नेप प्रतियोगिता आयोजित करेगा।
  • इस प्रतियोगिता में कुल 54 लाख रुपये की राशि के पुरस्कार वितरित किये जायेंगे।

जयपुर, 13 सितंबर। विद्या भारती चित्तौड़ की कार्यकारिणी की बैठक रविवार को राम प्रकाश बंसल की अध्यक्षता एवं संगठन मंत्री शिव प्रसाद के सानिध्य में संपन्न हुई। बैठक में कोरोना काल में विद्या भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए सेवा कार्य एवं विद्यार्थियों के शिक्षण तथा आचार्यों के प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी गई एवं चर्चा की गई।

बैठक में विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र के संगठन मंत्री शिव प्रसाद ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस देश की भावी भावी पीढ़ी के लिए अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होगी। शिक्षा नीति से राष्ट्र में श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण होगा। उन्होंने अपने विचार व्यक्त हुए करते हुए बताया कि यह शिक्षा नीति भारत केंद्रित शिक्षा नीति है। इस शिक्षा नीति से शिक्षा में भारत होगा। यह शिक्षा नीति शिशु केंद्रित क्रिया आधारित समाजोपयोगी है। इस शिक्षा नीति में समग्र शिक्षा का विचार किया गया है इस शिक्षा नीति के आधार पर अपने देश में ज्ञान आधारित समाज की रचना होगी। शिक्षा नीति के माध्यम से जिनकी रुचि अध्यापन कार्य में होगी वही अध्यापक बन पाएंगे जिससे हमारी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण बनेगी। अतः हम सभी को इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का समर्थन करना चाहिए और समाज के सभी वर्गों को इसकी श्रेष्ठता की जानकारी देनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि विद्या भारती इस दृष्टि से अखिल भारतीय स्तर पर 13 भाषाओं में 25 सितंबर से 2 अक्टूबर 2020 तक जन जागरण हेतु माय नेप प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है। इस प्रतियोगिता में कुल 54 लाख रुपये की राशि के पुरस्कार वितरित किये जायेंगे। माय नेप प्रतियोगिता में समाज के सभी वर्ग भाग ले सकेंगे। प्रतियोगिता को 3 वर्गों में बांटा गया है। पहला विद्यालय विद्यार्थी (कक्षा 9 से 12) दूसरा महाविद्यालय विद्यार्थी (स्नातक एवं स्नात्कोत्तर) तथा तीसरे वर्ग में समाज के प्रबुद्ध वर्ग एवं सभी नागरिक शामिल होंगे।

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