संघ स्वयंसेवक रंजीत श्रीवासन की हत्या के प्रकरण में पीएफआई के 15 एक्टिविस्ट को मौत की सजा

संघ स्वयंसेवक रंजीत श्रीवासन की हत्या के प्रकरण में पीएफआई के 15 एक्टिविस्ट को मौत की सजा

संघ स्वयंसेवक रंजीत श्रीवासन की हत्या के प्रकरण में पीएफआई के 15 एक्टिविस्ट को मौत की सजासंघ स्वयंसेवक रंजीत श्रीवासन की हत्या के प्रकरण में पीएफआई के 15 एक्टिविस्ट को मौत की सजा

तिरुवनंतपुरम। मंगलवार, 30 जनवरी को केरल के एक स्थानीय सेशन न्यायालय ने संघ स्वयंसेवक रंजीत श्रीवासन की हत्या के प्रकरण में पीएफआई के 15 एक्टिविस्ट को मौत की सजा सुनाई। मावेलिककरा की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीजी श्रीदेवी ने सभी 15 आरोपियों को हत्या का दोषी पाया और अपना निर्णय दिया। रंजीत श्रीवासन के परिवार ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि वे इस निर्णय से संतुष्ट हैं।

केरल में कम्युनिस्ट विजयन सरकार की शह पर प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई (PFI) और एसडीपीआई (SDPI) के कट्टरपंथी संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते रहे हैं।

क्या था श्रीवासन हत्याकांड प्रकरण 

रंजीत श्रीवासन की हत्या 19 दिसंबर 2021 को उनके घर पर उनकी पत्नी, मां और बच्चों के सामने अलाप्पुड़ा में कर दी गई थी। झुंड में आए पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के आतंकियों ने बेरहमी से तलवार से वार करके श्रीवासन की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में कुल 31 आरोपी हैं। कोर्ट ने 15 आरोपियों पर अपना निर्णय सुनाया है। 8 अभियुक्तों, निजाम, अजमल, अनूप, मुहम्मद असलम, सलाम पोन्नद, अब्दुल सलाम, सफारुद्दीन और मनशाद को हत्या का दोषी पाया गया।

जानकारी के अनुसार, रंजीत श्रीनिवास की हत्या से एक रात पहले एसडीपीआई के राज्य सचिव केएस शान की हत्या हुई थी। इसी हत्या के प्रतिशोध में रंजीत श्रीनिवासन की हत्या की गई थी। केएस शान हत्याकांड में आरोप पत्र भी पहले ही दाखिल हो चुका था। शान की हत्या से पहले, फरवरी 2021 में जिले में आरएसएस कार्यकर्ता नंदूकृष्णन की कथित तौर पर एसडीपीआई-पीएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या कर दी गई थी।

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