विरासत शोध एवं संरक्षण यात्रा के माध्यम से विरासत बचाने का संदेश

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चित्तौड़। विश्व विरासत दिवस (18 अप्रैल 2024) के दिन भारतीय इतिहास संकलन समिति उदयपुर, साहित्य संस्थान राजस्थान विद्यापीठ और प्रताप गौरव केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में विरासत शोध एवं संरक्षण यात्रा का आयोजन किया गया। लगभग तीस इतिहासकारों, शोधार्थियों एवं विशेषज्ञों के दल ने प्रातः से सायंकाल तक मेवाड़ के पर्वतों और जंगलों में राणा सांगा, उदयसिंह एवं महाराणा प्रतापकालीन ऐतिहासिक पुरावशेषों का अवलोकन किया। सभी ने महाराणा सांगाकालीन झरणां की सराय, बावड़ी और मन्दिर, त्रिमुखी बावड़ी, उदयसिंहकालीन बेडवास की बावड़ी, लकड़कोट, उदय निवास, झामेश्वर महादेव, अरावली की प्रारंभिक चट्टानों आदि स्थानों का अवलोकन कर इनके ऐतिहासिक, पुरातात्विक, भूवैज्ञानिक महत्व पर चर्चा की। इनको नष्ट भ्रष्ट होने से रोकने और अतिक्रमणों से बचाने की राज्य सरकार, पुरातत्व विभाग एवं स्थानीय प्रशासन से मांग की गई।

विरासत शोध एवं संरक्षण यात्रा के माध्यम से विरासत बचाने का संदेश

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2 thoughts on “विरासत शोध एवं संरक्षण यात्रा के माध्यम से विरासत बचाने का संदेश

  1. विरासत हमारा गौरव हा हमे गर्व करना चाहिए और विरासत बचाए

  2. संस्कृति संरक्षण की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास

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