शूटर तारा शाहदेव लव जिहाद केस में शौहर और सास को सजा

शूटर तारा शाहदेव लव जिहाद केस में शौहर और सास को सजा

शूटर तारा शाहदेव लव जिहाद केस में शौहर और सास को सजाशूटर तारा शाहदेव लव जिहाद केस में शौहर और सास को सजा

रांची, 7 अक्टूबर 2023। रांची सीबीआई विशेष कोर्ट ने 5 अक्टूबर 2023 को नेशनल शूटर तारा शाहदेव के केस में लव जिहाद एवं प्रताड़ित करने के आरोप में तीनों दोषियों रंजीत कोहली उर्फ रकिबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और रकिबुल हसन की मां कौसर रानी को सजा सुनाई है। जिसमें रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली को आजीवन कारावास और 50 हजार जुर्माना, मुश्ताक अहमद को 15 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार जुर्माना वहीं कौसर रानी को 10 साल सश्रम कारावास के साथ 25 हजार जुर्माना लगाया है।

मामला 2014 का है, जिसमें रांची के हिन्दपीढ़ी थाने में झारखंड की राष्‍ट्रीय शूटर तारा शाहदेव ने स्वयं को हिन्दू बताकर धोखे से शादी करने और बाद में जबरन मतांतरण कर इस्‍लाम कबूलने का दबाव बनाने और ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई करने पर पति रंजीत कोहली उर्फ रकिबुल हसन, रकिबुल हसन की मां कौसर रानी और मुश्ताक अहमद पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने इस मामले को 2015 में दर्ज किया था।

प्राथमिकी के अनुसार, 7 जुलाई 2014 को तारा शाहदेव और रकिबुल उर्फ रंजीत कोहली की शादी हिन्दू रीति रिवाज से हुई थी। लेकिन शादी के दूसरे दिन यानी 8 जुलाई को रकिबुल और मुश्ताक अहमद ने तारा को इस्लाम के अनुसार निकाह करने और मतांतरण करने के लिए दबाव देना शुरू कर किया। शादी के कुछ दिनों बाद तारा जब मुश्ताक अहमद के घर इफ्तार पार्टी में गयी तो गलत नीयत से उसके साथ छेड़छाड़ की गई।

9 वर्षों से चल रही जांच और सुनवाई के उपरांत कोर्ट ने उक्त सभी को 30 सितंबर को दोषी करार दिया था। जिसके बाद से ये न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई की ओर से 26 गवाह प्रस्तुत किये गये। उन गवाहों और सीबीआई द्वारा दिए गये सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रकिबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली, मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को दोषी करार दिया था। जिसमें सीबीआई की विशेष कोर्ट ने रकिबुल हसन को IPC की धारा 120B, 376, 323, 298, 506, और 496 में दोषी पाया उसकी मां कौसर रानी को IPC की धारा 120B, 298, 506, और 323 में दोषी पाया और मुश्ताक अहमद को IPC की धारा 120B और 298 में दोषी पाया।

तारा शाहदेव के वकील ने बताया कि न्यायलय का यह निर्णय स्वागत योग्य है। साथ ही निर्णय लव जिहाद के ऊपर एक कड़ा प्रहार है एवं यह साबित करता है कि लव जिहाद एक सत्य है जो विधर्मी देश तोड़ने के लिए चला रहे हैं। 9 वर्ष लम्बे चले इस ट्रायल ने दूध का दूध और पानी का पानी किया और जो यह समझते थे कि लव जिहाद एक प्रोपेगंडा मात्र है यह प्रकरण उनकी आँखें खोलने वाला है।

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