संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में 150 शिविरार्थी सीख रहे हैं धारा प्रवाह संस्कृत बोलना

संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में 150 शिविरार्थी सीख रहे हैं धारा प्रवाह संस्कृत बोलना
संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में 150 शिविरार्थी सीख रहे हैं धारा प्रवाह संस्कृत बोलनासंस्कृत भाषा बोधन वर्ग में 150 शिविरार्थी सीख रहे हैं धारा प्रवाह संस्कृत बोलना
बाराँ। संस्कृत भारती बाराँ विभाग के तत्वावधान में बारॉं के स्वामी विवेकानंद विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में चल रहे 6 दिवसीय पूर्ण आवासीय भाषा बोधन वर्ग के तृतीय दिवस के अवसर पर संस्कृत भारती के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. तगसिंह राजपुरोहित का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। एक दिवसीय प्रवास पर आए राजपुरोहित ने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिकता की भागमभाग की जीवन शैली से उपजी समस्याओं से मुक्ति हेतु स्वस्थ मन व तन के लिए संस्कृतमय जीवन शैली का होना आवश्यक है। देववाणी संस्कृत सनातन संस्कृति का प्राण है। इसके महत्व को जनव्यापी बनाना संस्कृत भारती संगठन का उद्देश्य है। संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में छात्र जीवन में आने वाली कठिनाइयों से लड़ना सीखते हैं, साथ ही आत्मिक और नैतिक विकास के लिए संस्कृत का अध्ययन कर रहे हैं।
संस्कृत भाषा बोधन वर्ग में 150 शिविरार्थी सीख रहे हैं धारा प्रवाह संस्कृत बोलना
वर्ग संयोजक ताराशंकर पंचोली व विभाग संयोजक पीयूष गुप्ता ने बताया कि वर्ग में 150 शिविरार्थी संस्कृत को व्यवहार में प्रयोग करना सीख रहे हैं। वे सुबह योग व प्रातः स्मरण से लेकर नाश्ता, भोजन, खेल आदि सभी कार्यों में संस्कृत का धारा प्रवाह प्रयोग करना सीख रहे हैं।
दुर्गाशंकर मेघवाल शिविर प्रशिक्षण प्रमुख एवं शिक्षक आत्माराम गुर्जर ने बताया कि वर्ग में भोजनादि व्यवस्थाओं हेतु संस्कृत प्रेमियों, भामाशाहों से संपर्क करके गुणवत्तापूर्ण वातावरण दिया जा रहा है। वर्ग में भाषा शिक्षण, वदतु संस्कृतम, व्यक्तित्व विकास तथा संगठन की जानकारी दी जा रही है।
वर्ग का समापन 8 जून, गुरुवार को विद्यालय के सभागार में संपन्न होगा। शिविर में झालावाड़ से पवन पाटीदार, रोहित सुमन, महेश, राजेंद्र श्रृंगी, भैरूलाल राठौर, कुलदीप तथा बारॉं से दीपक, वैष्णवी, मुकेश नामा, सुरेश सुमन, विनायक तिवारी, महेंद्र नागर, अनू, गौतम अनंत, तेजपाल, संजीव बतौर शिक्षक सहयोग कर रहे हैं।
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