सऊदी अरब में पंजाबी युवक को सजा-ए-मौत, बचने के लिए मुसलमान बनने या दो करोड़ रुपए देने का विकल्प
सऊदी अरब में पंजाबी युवक को सजा–ए–मौत, घटनाक्रम बताते उसके भाई
सऊदी अरब में कत्ल के आरोप में एक पंजाबी युवक बलविंदर को सजा–ए–मौत सुनाई गई है। चार दिन बाद उसका सिर कलम कर दिया जाएगा। वह नौ साल से जेल में बंद है। मौत की सजा से बचने के लिए उसे दो विकल्प दिए गए हैं, या तो वह मुसलमान बन जाए या फिर दो करोड़ भारतीय रुपए ब्लड मनी के तौर पर जमा करवा दे।
युवक मुसलमान बनने के लिए तैयार नहीं है। उसके परिजनों ने सवा करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए हैं। अब वे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलना चाहते हैं। परंतु मुलाकात नहीं हो पा रही। बलविंदर के भाई जोगिंदर ने मीडिया को बताया कि मामले को लेकर उन्होंने सऊदी अरब के कुछ संगठनों से बात की थी तो उन्होंने कहा यदि बलविंदर मुसलमान बन जाए तो वे अगले ही दिन ब्लड मनी के रूप में दो करोड़ रुपए देकर उसे छुड़ा लेंगे। वरना शरिया के अनुसार नुकसान की भरपाई के तौर पर या तो ये रुपए आप भरो या फिर उसका सिर कलम होने दो।
जोगिंदर ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग पंजाब के मुक्तसर के गांव मल्लन के रहने वाले हैं। बलविंदर 2008 में सऊदी अरब गया था। वहां वह एक कंपनी में काम करने लगा। इस दौरान उसकी कंपनी मालिक से निकटता हो गई। वह उनकी कार चलाने लगा। 2013 में अचानक एक दिन रात को एक नीग्रो ने शराब पीकर कंपनी में हंगामा कर दिया। बलविंदर तब तक कंपनी का सुपरवाइजर बन चुका था। मालिक ने उसे तुरंत वहां जाने के लिए कहा। वहां उसने जब नीग्रो को रोकने का प्रयास किया तो वह चाकू लेकर बलविंदर के पीछे दौड़ा। बलविंदर द्वारा आत्मरक्षा के दौरान नीग्रो का सिर जमीन से टकरा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। तभी वहॉं सऊदी पुलिस आ गई और उसे जेल में बंद कर दिया गया। उसे 7 साल की सजा सुनाई गई। वह जेल में 9 साल बिता चुका है और अब सिर कलम करने की सजा सुनाई गई है। पूरे घटनाक्रम में कंपनी से भी उसे कोई सहायता नहीं मिली।