समाज को दुर्बल करने वाली शक्तियों से राष्ट्र का संरक्षण करना है: सुरेश भैयाजी जोशी

समाज को दुर्बल करने वाली शक्तियों से राष्ट्र का संरक्षण करना है: सुरेश भैयाजी जोशी

समाज को दुर्बल करने वाली शक्तियों से राष्ट्र का संरक्षण करना है: सुरेश भैयाजी जोशी

कोटा, 02 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी ने कहा कि हमें सद्गुणों से युक्त हिंदू समाज बनाना है। समाज को दुर्बल करने वाली शक्तियों से राष्ट्र का संरक्षण करना है। जाति, प्रदेश, क्षेत्र केवल व्यवस्थाएं हैं, लेकिन हमारी प्रतिबद्धता राष्ट्र के साथ है। हमारे ग्रंथों में सब कुछ लिखा है, लेकिन वह आचरण में लाने की आवश्यकता है।

भैयाजी जोशी रविवार को कोटा महानगर की ओर से स्वामी विवेकानंद स्कूल में आयोजित वर्ष प्रतिपदा उत्सव तथा नववर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा के माध्यम से देशभक्त, अच्छे हिंदू व अच्छे नागरिक बनाने का कार्य किया जा रहा है। डॉक्टर हेडगेवार ने नया कुछ शुरू नहीं किया बल्कि युगों की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण के साथ शुरू किया।

उन्होंने कहा कि आक्रमणों के बाद भी हिंदू समाज का खड़ा रहना यह हमारी परंपरा का जीवन्त उदाहरण है। विचार, सिद्धांत व तत्वज्ञान के साथ चलने वाला व्यक्ति व समाज चाहिए। इसमें आयु, शिक्षा, आर्थिक व सामाजिक स्तर कुछ भी हो सकता है, किंतु वैचारिक प्रतिबद्धता एक साथ होकर समाज को संगठित करने का आधार है ।

उन्होंने कहा कि जो धर्म को समझते हैं, ऐसे लोग कम नहीं हैं। जो धर्म को समझाने वाले हैं, ऐसे लोग भी कम नहीं हैं, लेकिन धर्म का आचरण अपने जीवन में करने वाले कितने हैं, वे ही भगवान को सबसे प्रिय हैं। सुनना, समझना, स्वीकार करना और स्वीकार करने के बाद अच्छी बातों को अपने जीवन का आचरण बनाना, यही सोच स्वयंसेवक की बननी चाहिए। इस दिशा में हम प्रेरित होकर आगे बढ़ें। मैं उज्जवलता का स्वप्न साकार करने वाला स्वयंसेवक बनूंगा, ऐसा विचार मन में रखकर आगे बढ़ें और निर्दोष समाज का निर्माण करें।

मधुर स्वरलहरियों से गूंजा आसमान

कार्यक्रम में भावगीत की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद घोष के वाद्यों से निकल रही मधुर स्वर लहरियों के बीच भगवा ध्वज फहराया गया। घोष के आणक, वंशी, बैण्ड, झांझ तथा बिगुल के द्वारा ध्वज वंदन, ध्वज अवतरण समेत एक से बढ़कर एक कर्णप्रिय रचनाओं का वादन किया गया।

वर्ष में एक बार सरसंघचालक प्रणाम

संघ की कार्यपद्धति के अनुसार वर्ष में एक बार संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार को पूर्ण गणवेश में ‘आद्य सरसंघचालक प्रणाम’ किया जाता है। संघ की ओर से चैत्र शुक्ल एकम् को डॉ. हेडगेवार का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। इसी क्रम में कार्यक्रम में डॉ. हेडगेवार के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया गया। सभी ने एक दूसरे को युगाब्द 5124 तथा नवसंवत्सर 2079 की बधाई दी।

कार्यक्रम में एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविंद माहेश्वरी, संघ के महानगर संघचालक गोपाल गर्ग, राजस्थान क्षेत्र के कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र द्विवेदी, प्रांत प्रचारक विजयानंद उपस्थित थे। उत्सव की शुरुआत में घोष की धुन पर ‘‘केशव’’ रचना का वादन किया गया।

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