सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं

सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं

वीरमाराम पटेल

सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं

सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं

जो सफेद कपोत उड़ाता था,
तेरे हर नापाक इरादों को
मौन रह सह जाता था।

मुख में राम बगल में छुरी
तेरा यही तो नारा है,
भारत से मत पंगा लेना
अब नेतृत्व यहॉं का न्यारा है।

अगर भिड़े तो मुंह की खाओगे
अपने मूल नक्शे में सिमट जाओगे
विस्तारवाद की नीति को बंद करो
वरना ताउम्र पछताओगे।

तुम्हारी हर नापाक हरकतों का
हम माकूल जबाव देंगे,
जैसे ढाका को तोड़ा
गलवान-बीजिंग नाप लेंगे।

सवा करोड़ के ज्वार का
तुझे पता नहीं क्या मंजर होगा?
हर एक नारी दुर्गा बनेगी
हर हाथ में एक खंजर होगा।

आतंक और शांति की वार्ता..
बंद करो अब यह व्यवहार
घुसपैठ के अड्डे ध्वस्त करो
राष्ट्रीय नेतृत्व से है यही गुहार।

अब ना शांति की भाषा हो
न ही प्रश्न ना कोई वादा हो,
देश तुम्हारे साथ खड़ा है
पहचानो उनको जिनका नेक इरादा हो।

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1 thought on “सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं

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