स्वदेशी स्वावलंबन की ओर भारत पुस्तक का हुआ विमोचन

स्वदेशी स्वावलंबन की ओर भारत पुस्तक का हुआ विमोचन

स्वदेशी स्वावलंबन की ओर भारत पुस्तक का हुआ विमोचन

जयपुर। कल स्वदेशी जागरण मंच जयपुर द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अखिल भारतीय विचार प्रमुख सतीश कुमार द्वारा लिखित पुस्तक स्वदेशी स्वावलंबन की ओर भारत का विमोचन हुआ। पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने किया।

मंच के क्षेत्रीय संयोजक डॉक्टर धर्मेंद्र दुबे ने पुस्तक की प्रस्तावना रखी व स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाए जा रहे स्वदेशी स्वावलंबन अभियान की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर निंबाराम ने कहा कि स्वदेशी की भावना ही देश के आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक समुत्कर्ष का आधार व राष्ट्रभक्ति की साकार अभिव्यक्ति है। आर्थिक प्रगति की दृष्टि से देश में बिकने वाली वस्तुएं और सेवाएं पूरी तरह से देश में ही उत्पादित होने पर देश में रोजगार का सृजन होगा। जिससे देशवासियों को नियमित आय की प्राप्ति और सरकार के लिए राजस्व वृद्धि संभव है।

विदेशों से आयातित वस्तुओं को खरीदने से देश में बेरोजगारी, विश्व विदेशी व्यापार में घाटा, रुपए की विनियम दर में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज देश की जनसंख्या 135 करोड़ है। देश में 6 लाख से अधिक गांव हैं। विश्व का सर्वाधिक पशुधन भारत में है। विश्व में सर्वाधिक कृषि योग्य भूमि हमारे पास है। देश में 400 से अधिक विविध प्रकार के संगठित लघु उद्योग व 3000 से अधिक असंगठित शिक्षण उद्योगों के संकुल हैं। इसी क्रम में देश में छह करोड़ 70 लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम आकार के उद्यम हैं। जिनमें 12 करोड़ से अधिक लोग नियोजित हैं और इन लघु उद्योगों के द्वारा 6000 से अधिक प्रकार के उत्पादों या वस्तुओं का उत्पादन व कारोबार किया जाता है।

देश के विकास के लिए विदेशी उत्पादों को छोड़कर भारत में बने  उत्पादों को अपनाने के अतिरिक्त कोई अन्य मार्ग नहीं है। देश के लिए आवश्यक है कि हम अपनी खरीदारी में रोजगार प्रधान स्थानीय उद्योगों व लघु उद्योगों की वस्तुओं को प्राथमिकता प्रदान करें। विकेंद्रित उत्पादन से ही समावेशी विकास संभव है। स्वदेशी उत्पादों की तुलना में विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां एवं विदेशों से आयातित उत्पादों का पूर्ण बहिष्कार करें।

वर्तमान कोरोना संकट और लॉकडाउन से उपजी चुनौतियों के चलते देश के सम्मुख स्वदेशी व स्वावलंबन ही श्रेष्ठतम सुलभ विकल्प है।

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