11 साल बाद जयपुर के गुनहगारों पर फैसला कल
आठ जगह सीरियल बम धमकों में हुई थी 71 की मौत
13 मई 2008 का वह काला दिन जयपुर के लोग कभी भुला नहीं सकते, जब 15 मिनट में 8 अलग-अलग जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों से पूरा शहर थर्रा गया था। इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई तथा 185 लोग घायल हुए थे। बम धमाकों से जयपुर के लोगों पर दु:खों का पहाड़ टूट गया था। पाक परस्त आंतकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के आंतकियों ने पर्यटन को प्रभावित करने के उद्देश्य से धमाकों के लिए जयपुर को चुना था। बम धमाकों के पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए गठित विशेष न्यायालय 11 साल बाद बुधवार 18 दिसम्बर को फैसला सुनाएगी। दिसम्बर 2009 में अस्तित्व में आई विशेष न्यायालय के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा पांच आरोपितों पर फैसला सुनाएंगे। इनसे पूर्व सात न्यायाधीश उक्त प्रकरण की सुनवाई कर चुके हैं। अक्टूबर 2018 से चल रही नियमित सुनवाई पूरी होने तक 1293 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं।
जब गुलाबी नगरी की सडक़ें हो गई थी लाल
बम धमाकों के चश्मदीद बताते हैं कि 13 मई 2008 के दिन शाम करीब साढ़े 7 बजे बाजारों में रौनक चरम पर थी। मंगलवार होने से परकोटे के दो प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ के बीच शाम करीब 7.10 बजे अचानक ब्लास्ट हुआ। पहले तो लगा कि सिलेंडर फटा होगा। चंद मिनटों बाद पता चला कि बड़ी चौपड़, मानक चौक पुलिस स्टेशन इलाका, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और कोतवाली इलाके में 15 मिनट के अंदर 8 बड़े धमाके हुए हैं। एक के बाद एक हुए आठ ब्लास्ट से गुलाबी नगरी कहे जाने वाले जयपुर की सडक़ें रक्त से लाल हो गई। हर तरफ चीख पुकार और इधर उधर बिखरी पड़ी लाशें। यह वो वक्त था जिसके बारे में कभी जयपुरवासियों ने कल्पना भी नहीं की होगी। हर तरफ तबाही का मंजर था। देखते ही देखते परकोटा में 71 लाशों का अंबार लग गया और 185 लोग घायल हुए थे। उस खौफनाक मंजर की याद आते ही आज भी लोग सिहर जाते हैं।
बम ब्लास्ट के बाद आतंकियों की धरपकड़ के लिए सरकार ने एटीएस की स्थापना की। जांच के दौरान एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद कर 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया। जबकि 2 आतंकियों को हैदराबाद पुलिस व 1 आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर चुकी है। बम बलास्ट के 3 आरोपित 11 साल बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
गिरफ्त में जयपुर के गुनाहगार
धमाकों के बाद ईमेल भेजकर जिम्मेदारी लेने वाले उत्तरप्रदेश के मौलवीगंज निवासी शहबाज हुसैन उर्फ शहबान अहमद को एटीएस ने सबसे पहले 8 सितम्बर 2008 को गिरफ्तार किया। इसके बाद 23 दिसंबर 2008 को यूपी के आजमगढ़ से मोहम्मद सैफ को, 29 जनवरी 2009 को मोहम्मद सरवर आजमी, 23 अप्रेल 2009 को सैफुर्रहमान उर्फ सैर्फुर गिरफ्तार किया गया। पांचवे आरोपी सलमान को निजामाबाद, उत्तरप्रदेश से 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया गया। वहीं छठवें आरोपी आरिज उर्फ जुनैद निवासी आजमगढ़ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तथा दो अन्य आतंकियों असददुल्ला अख्तर व अहमद सिददी बप्पा उर्फ यासीन भटकल निवासी आजमगढ़ को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया।
11 साल बाद भी फरार ये तीन आंतकी
जयपुर बम ब्लास्ट केस में नामजद तीन आतंकी आजमगढ़ निवासी मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बट और मोहम्मद खालिद 11 साल बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हंै। राजस्थान एटीएस के अलावा अन्य शहरों की स्पेशल सेल भी इनकी तलाश कर रही है।
राघवेन्द्र सिंह
विश्व संवाद केन्द्र, जयपुर