भाखड़ा नहर में बहते मिले सैकड़ों रेमडेसिविर इंजेक्शन
देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। पिछले 24 घंटों में 4 लाख से अधिक मरीज सामने आए हैं। इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के सामने आने से कोविड-19 (COVID-19) के इलाज में प्रयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों (Remdesivir Injection) की कमी और कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर पंजाब के चमकौर साहिब के निकट भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) में रेमडेसिविर के सैकड़ों इंजेक्शन पानी में बहते हुए मिले हैं।
मिली रिपोर्ट के अनुसार, चमकौर साहिब के बलसांदा गांव में किसी ने नहर में बहते इंजेक्शनों को देखकर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। इसके बाद नहर (Bhakra Canal) से सैकड़ों रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन (Chest Infection) के इंजेक्शन बरामद किए गए। इनमें सरकार को सप्लाई किए जाने वाले 1456 इंजेक्शन, 621 रेमडेसिविर इंजेक्शन व 849 बिना लेबल के इंजेक्शन भी शामिल हैं, जिनके प्रिंट पानी में धुल चुके थे। इन पर सरकारी आपूर्ति लिखा है। यह सरकारी आपूर्ति किस राज्य के लिए है, इस बारे में कुछ नहीं लिखा है।
मामला सामने आने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने गजेंद्र सिंह शेखावत ने संदेह जताया कि ये इंजेक्शन 22 मार्च को राजस्थान से पंजाब भेजे जाने वाले हो सकते हैं। उन्होंने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया कि “अपनी अव्यवस्थित प्रणाली का नमूना पेश करने में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री कभी नहीं चूकते। राजस्थान में रेमडेसिवीर की भारी किल्लत है, फिर भी आपने पंजाब सरकार को रेमडेसिवीर की खेप भिजवाई। लेकिन ना तो पंजाब में उसका सही इस्तेमाल हुआ और ना ही वे राजस्थान के काम आ सकी।”
उन्होंने आगे लिखा कि “इस संकटकालीन समय में ऐसे संसाधनों का इस्तेमाल हमें सोच समझ कर करना चाहिए। लेकिन राजस्थान सरकार की अपनी राजनीति और अव्यवस्था उन्हीं संसाधनों का व्यर्थ व्यय कर रही है। पंजाब की भाखड़ा नहर में सरकारी इस्तेमाल के रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिलना एक आपराधिक लापरवाही है और इस अपराध में राजस्थान सरकार बराबर की हिस्सेदार है।”