महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ कांस्य प्रतिमा जयपुर से अयोध्या रवाना
जयपुर, 13 जून। मातृभूमि की रक्षा और स्वाभिमान के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर साहसी व शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप की विशाल, आकर्षक प्रतिमा, उनकी जयंती के अवसर पर जयपुर से अयोध्या में स्थापित होने के लिए रविवार को पुष्पवर्षा के बीच रवाना की गई।
जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र, जन प्रतिनिधि डॉ. सतीश पूनियां, दीया कुमारी, बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी सहित कई प्रमुख सामाजिक हस्तियों ने प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद सज्जित वाहन से प्रतिमा अयोध्या के लिए रवाना की गई। प्रसिद्ध धार्मिक नगरी अयोध्या के सरयू तट पर स्थापित होने के बाद प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। प्रतिमा का निर्माण अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने करवाया है।
प्रतिमा के मूर्तिकार महावीर भारती ने बताया कि यह प्रतिमा महाराणा प्रताप की कदकाठी के अनुसार बनाई गई है, जिसमें उनका तेज, रौबीला चेहरा, चौड़ा सीना, मजबूत बाजू, योद्धा की पोशाक सहित चेतक को बहुत फुर्तीला दिखाया गया है। पूरे कवच सहित युद्ध के लिए तैयार लॉस्ट वैक्स प्रोसेस से बनी प्रतिमा का वजन 1500 किग्रा व इसकी ऊंचाई 12 फीट है। इसे बनाने में लगभग 6 माह लगे हैं। मेटेलिक कलर के साथ पूरी प्रतिमा लेमिनेट की गई है।
उल्लेखनीय है कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण भी हो रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्र स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की प्रतिमा अयोध्या सर्किट में स्थापित की जाएगी। प्रतिमा को जयपुर के शिल्पकारों ने बड़ी बारीकी से तैयार किया है। यह प्रतिमा चेतक पर बैठे महाराणा प्रताप की अब तक बनी प्रतिमाओं से कुछ अलग है।