केरल नन रेप मामला : सबूतों के अभाव में रेप का आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल बरी
केरल नन रेप मामला : आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल बरी
2018 में केरल की 44 वर्षीया नन के साथ बिशप फ्रैंको मुलक्कल द्वारा रेप का मामला मीडिया में सुर्खियां बना था। तब पंजाब की मिशनरी ऑफ जीसस मण्डली की सदस्य एक नन ने कोट्टायम में पुलिस से शिकायत की थी कि 2014 और 2016 के बीच बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने उसके साथ 14 बार रेप किया, उसे कोट्टायम की जिला कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है, तब कई ननों ने अपने आधिकारिक परिधान में बिशप के विरुद्ध प्रदर्शन भी किया था। लेकिन मुलक्कल को गिरफ्तार करने में तीन महीने लग गए थे।
नन ने 29 जून 2018 को शिकायत दर्ज कराई थी जबकि उसकी गिरफ्तारी 19 सितंबर 2018 को हुई। इसके बाद मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया और बिशप को गलत तरीके से बंधक बनाने, बलात्कार करने, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
नवंबर 2019 में मामले की सुनवाई शुरू हुई, जो इस साल 10 जनवरी को पूरी हुई। 26 महीने के ट्रायल के बाद बिशप को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में प्रस्तुत चार्जशीट में 83 गवाहों के बयान दर्ज थे। निर्णय आने के बाद बिशप फ्रैंको मुलक्कल के वकील ने मजहबी कार्ड खेलते हुए रिपब्लिक टीवी से कहा कि पीड़िता झूठ बोल रही थी। उसके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी। यह मामला फ्रैंको मुलक्कल के विरुद्ध नहीं, बल्कि ईसाइयत के विरुद्ध था।