समाज की सज्जनशक्ति देश को समय दे – विजयानंद
समाज की सज्जनशक्ति देश को समय दे – विजयानंद
उदयपुर, 07 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत के प्रांत प्रचारक विजयानंद ने आह्वान किया कि समाज की सज्जनशक्ति देश की समस्याओं के समाधान के लिए देश को समय दे। हर व्यक्ति देश के लिए दो साल का समय समर्पित करे। यदि एक साथ संभव नहीं है, तो नियमित रूप से कुछ समय देश के लिए निकाले। जहां हम रहते हैं, उस गली-मोहल्ले-गांव को समस्यामुक्त करने के लिए स्वयं को अग्रेषित करें।
वे बुधवार को उदयपुर के नगर निगम प्रांगण में शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम में स्वयंसेवकों व गणमान्य समाजजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विजय दशमी पर ही वर्ष 1925 में डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। वर्ष 2025 संघ का शताब्दी वर्ष होगा। संघ का उद्देश्य संस्कारित व्यक्तित्व का निर्माण करना है। सज्जनशक्ति को संगठित करना है। जब सज्जनशक्ति संगठित होकर देश के लिए समय देगी, तभी हिन्दू केन्द्रित विश्व रचना का निर्माण होगा।
विजयानंद ने विजय दशमी पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि यह शक्ति पूजन का पर्व है। पूरे देश में हिन्दू समाज शक्ति स्वरूपा मां की आराधना कर रहा है। भगवान श्रीराम ने भी तब आततायी रावण के अंत के लिए शस्त्र पूजन किया था। अज्ञातवास में जाते समय पाण्डवों ने शमी वृक्ष में अपने शस्त्रों को छिपाया था, अज्ञातवास के बाद विजय दशमी पर उन शस्त्रों को निकाला और उनका पूजन करने के बाद उन्हें धारण किया। विजय दशमी सज्जनशक्ति के सशक्त होने के संकल्प का पर्व है।
पथ संचलन नगर निगम से शुरू हुआ। संचलन मार्ग में जगह-जगह विभिन्न समाजों, सामाजिक संस्थाओं, व्यापार संगठनों, क्षेत्रवासियों आदि की ओर से देशभक्ति के उद्घोषों व पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया।
संचलन का स्वरूप इस बार इतना बड़ा था कि जब संचलन का पहला छोर घंटाघर पर था, तब अंतिम छोर सूरजपोल चौराहे पर था। एक स्थान से संचलन को पूरा गुजरने में लगभग 20 मिनट लगे। घोष की ताल पर कदम से कदम मिलाकर चलते पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों को देख स्वागत के लिए खड़े शहरवासियों में भी उत्साह नजर आया। जब तक उनके सामने से संचलन चलता रहा, शहरवासी देशभक्ति से ओत-प्रोत उद्घोष लगाते रहे।