उत्तर प्रदेश में घर वापसी का बढ़ता क्रेज

उत्तर प्रदेश में घर वापसी का बढ़ता क्रेज, मुसलमान इस्लाम छोड़ बन रहे हिन्दू

उत्तर प्रदेश में घर वापसी का बढ़ता क्रेज, मुसलमान इस्लाम छोड़ बन रहे हिन्दूउत्तर प्रदेश में घर वापसी का बढ़ता क्रेज

वर्ष 2024 का तीसरा माह चल रहा है, उत्तर प्रदेश से हर माह कम से कम एक समाचार ऐसा रहा है, जो बताता है कि मुसलमानों में महिला हो या पुरुष, सभी में घर वापसी का क्रेज बढ़ा है। वे इस्लाम की कुरीतियों के बीच अब सहज अनुभव नहीं   करते।

ताजा समाचार प्रयागराज का है। मार्च में यहॉं के एहसान अहमद ने घर वापसी कर ली। अब वे अनिल पंडित नाम से जाने जाएंगे। एहसान अहमद ने कहा कि वे 2020 में हिन्दू संगठन के सम्पर्क में आए थे। संगठन से जुड़कर उन्होंने हिन्दू धर्म को समझा, अब घर वापसी कर वे बहुत प्रसन्न हैं। अहमद प्रयागराज के CMP डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। फिलहाल वे घर वापसी की सरकारी कार्यवाही पूरी करवाने में व्यस्त हैं। जल्दी ही उन्हें उनके नए नाम से सर्टीफिकेट जारी कर दिया जाएगा।

इससे पहले फरवरी (2024) में प्रयागराज के ही एक और व्यक्ति सलीम अंसारी ने इस्लाम छोड़ हिन्दू धर्म अपना लिया था। अब वे वेदव्रत शुक्ला नाम से जाने जाते हैं। सलीम ने कहा कि जब वे छोटे थे तो देखते थे कि उनका अब्बू अक्सर उनकी अम्मी को बुरी तरह मारता था, तब पड़ोस के हिन्दू ही अम्मी को बचाने सामने आते थे। इससे उनके अंदर हिन्दू धर्म के प्रति श्रद्धा जागने लगी। उसने अनुभव किया कि हिन्दू धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। सलीम का कहना है कि जब वह बड़ा हुआ तो घर वापसी के प्रयास में लग गया। 31 जनवरी 2024 को उसे एक पेम्फलेट मिला। उसमें झूंसी स्थित कैलाश धाम में एक धार्मिक कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी। सलीम वहॉं गया और स्वामी कृष्णानंद से घर वापसी की इच्छा प्रकट की। सलीम की भावनाओं का सम्मान करते हुए उसकी विधिवत घर वापसी करायी गई। सलीम से वेदव्रत बनने के बाद वह अपना अधिकांश समय आश्रम में बिताता है और वेदों का प्रचारप्रसार करता है। दस वर्ष पहले उसके अब्बू की मौत हो चुकी है।

जनवरी (2024) में सहारनपुर के शारदा नगर के रहने वाले शहजाद ने घर वापसी की। उसने आवास विकास स्थित हरि मंदिर में शुद्धिकरण के उपरांत हिन्दू धर्म अपना लिया। शहजाद का नया नाम करण चौधरी है। करण का कहना है उसके पूर्वज हिन्दू ही थे, जो बाद में मुसलमान बन गए। घर वापसी का कारण पूछने पर करण ने कहा कि इस्लाम में बहुविवाह की कुरीति के चलते उसके अब्बू ने दूसरा निकाह कर लिया और अम्मी बहन पर अत्याचार करने लगा, यह देखकर उसने इस्लाम छोड़ने का मन बना लिया।

इनके अतिरिक्त 2023 की कुछ उल्लेखनीय घटनाएं इस प्रकार हैं :

दिसंबर 2023:

  • उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में शाबिया ने घर वापसी कर एक हिन्दू लड़के से विवाह रचाया। अब उसका नाम सीता है। घर वालों के विरोध के बावजूद शाबिया ने तांबेश्वर शिव मंदिर में सात फेरे लिए।
  • कन्नौज की निकहत नेहा बन गई। उसने हिमांशु से शादी की है।
  • सीतापुर की सूफ़िया ने अंजली नाम से घर वापसी की है। उसने विजय को अपना जीवन साथी चुना और टिकरा मंदिर में वैदिक रीतिरिवाज से शादी रचाई।

 

नवंबर 2023:

  • गाजियाबाद के एक जोड़े ने घर वापसी की। आसिफ ने आकाश चौहान जबकि उसकी बीवी सुमैया खातून ने प्रिया नाम से नए जीवन की शुरुआत की। आसिफ का कहना है इस्लाम कोई धर्म नहीं।आपस में निकाह करना बहुत शर्मनाक है।
  • सीतापुर की मुस्कान सिद्दीकी की नई पहचान मुस्कान मौर्या नाम से है। वह कहती हैं, पिछले दिनों हमास आतंकियों ने इजरायली बच्चों और महिलाओं के साथ जो क्रूरता की, इससे उनका इस्लाम की मान्यताओं से मोहभंग हो गया और उन्होंने घर वापसी का निर्णय लिया।

 

अक्टूबर 2023:

  • मुरादाबाद की फ़िज़ा जहाँ घर वापसी के बाद चाहत वाल्मीकि नाम से जानी जाती हैं। उन्होंने अंकित को अपना जीवन साथी चुना है।
  • बरेली में खुशबू बानो ने घर वापसी के बाद अपने नाम से बानो हटा दिया। वे सिर्फ खुशबू बनकर बहुत प्रसन्न हैं। उनका कहना है मेरे पूर्वज भी हिन्दू थे, मैंने अपनी मूल पहचान खो दी थी। हिन्दू धर्म अपनाना जड़ों की ओर वापस लौटने जैसा है।
  • बरेली की शबाना बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया और शिवानी बन गईं। उन्होंने कहा हिन्दू धर्म में महिलाओं को सम्मान मिलता है।
  • गाजियाबाद में एक परिवार के चार लोगों ने घर वापसी की। इस परिवार का कहना था कि वे अपने पूर्वजों द्वारा की गई गलती को सुधार रहे हैं।

 

सितंबर 2023:

  • मुजफ्फरनगर जिले के 10 परिवारों के 70 लोगों ने हिन्दू धर्म अपनाकर घर वापसी की। ये सभी दस वर्ष पहले किसी मौलवी के धमकाने पर मुसलमान बने थे।

 

जुलाई 2023:

  • बरेली में फरजाना हिन्दू धर्म अपनाकर सरस्वती बन गई।
  • शामली में शानम ने शालिनी बन हिन्दू धर्म अपनाया। उसे कट्टरपंथी मुसलमानों से परेशानी है।

 

जून 2023:

  • बरेली की शहनाज बचपन से कृष्ण भक्त थीं। उनके शौहर को यह पसंद नहीं था। नाराज होकर उसने शहनाज को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। शहनाज ने सम्मानजनक जीवन के लिए घर वापसी कर ली और पवन के साथ शादी कर आरोही बन गई।
  • मुजफ्फरनगर की आएशा ने हिन्दू धर्म अपना कर हिन्दू युवक से शादी कर ली। आयशा का नया नाम आशा है।
  • कानपुर की दिव्यांग रानी बेगम के बेटे जुनैद की मंदिर का प्रसाद खाने से आंखें ठीक हो गईं, तो आस्था के अंतर्गत उसने हिन्दू धर्म अपना लिया।

 

अप्रैल 2023:

  • कानपुर का रहमत अली महाभिषेक के बाद घर वापसी घर रितिक बन गए। रहमत का बचपन से हिन्दू धर्म के प्रति झुकाव था। उन्होंने बताया कि उन्हें कांवड़ ले जाना और अन्य हिन्दू त्यौहार मनाना अच्छा लगता है।

 

मार्च 2023:

  • आगरा की नरगिस की भी हिन्दू धर्म में बचपन से रुचि थी। उन्हें मंदिर जाना, तिलक लगाना अच्छा लगता था। लेकिन जब भी वे ऐसा करतीं, उनके अब्बू उनकी पिटाई कर देते थे। बड़े होकर उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया और हिन्दू लड़के से शादी कर ली। उनका नया नाम निक्की है। उनका कहना है उन्हें इस्लाम कभी पसंद नहीं था।
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *