जीवनपर्यन्त समाज कार्य में सक्रिय, भारतीय सिन्धु सभा के संरक्षक लेखराज माधू का निधन
12 सितम्बर, जयपुर। जीवनपर्यन्त समाज कार्य में सक्रिय, भारतीय सिन्धु सभा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व संरक्षक लेखराज माधू का मंगलवार 8 सितम्बर को निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। संघ के गालव भाग संघचालक अशोक जैन ने बताया कि श्री माधू का जन्म अखण्ड भारत के सिन्ध प्रांत में हुआ था। सन 1960 में बाल्यावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े माधू जीवनपर्यन्त समाज कार्य में सक्रिय रहे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी तो थे ही, किस व्यक्ति से कैसे बातचीत करनी है यह सब उनसे सीखने को मिलता है। वे एक बार में ही व्यक्ति से मिलकर उसकी पहचान कर लेने में दक्ष थे। इतिहास, संस्कृति एवं भौगोलिक ज्ञान के अभूतपूर्व ज्ञाता थे। 1992 की कारसेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाई और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। सिंध प्रांत में तहसील कार्यवाह के नाते काम करने वाले श्री माधू वर्तमान में जयपुर के आदर्श नगर के नगर संघचालक थे। नियमित शाखा रहती थी। कार्यकर्ताओं से सतत मिलना जुलना उनका उत्साह बढ़ाना इस कला में तज्ञ थे।
भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि श्री लेखराज माधू ने बाल्यकाल से राष्ट्रभक्ति के विचारों को लेकर समाज व संगठन की सेवा की और जीवनपर्यन्त सभी से जुड़े रहे। श्री माधू आदर्श विद्या मंदिर , भारत विकास परिषद के साथ सिन्धी भाषा, सभ्यता व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारतीय सिन्धु सभा सहित समाज के विभिन्न संगठनों में सक्रिय रहे।
राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि श्री माधू ने संगठन विस्तार व गतिविधियों से सामाजिक, धार्मिक संगठनों को जोड़ने के लिये निरंतर प्रवास व कार्यक्रमोें के आयोजन में महती सक्रियता से कार्य किया, जिससे युवाओं व मातृशक्ति के मध्य संगठन का विस्तार हुआ। श्री माधू कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के साथ प्रदेश स्तरीय सम्मेलनों के लिये भी सदैव सक्रिय रहे। वो हमेशा समाज की एकता पर जोर देते थे ।
उनके निधन पर मार्गदर्शक कैलाशचन्द्र शर्मा, संगठन महामंत्री डाॅ. कैलाश शिवलाणी तथा भाषा साहित्य मंत्री डाॅ. प्रदीप गेहाणी सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
He was a very nice and kindhearted person I’ve known.
Sadar naman ?????