रामजी का दिया करें रामजी को अर्पण
देवेन्द्र भारद्वाज ‘वैर’
निकल पड़े हैं सब रामजी के काम से
बनने लगा है मंदिर धूम-धाम से।
मन खोल करें सभी निधि का समर्पण
रामजी का दिया करें रामजी को अर्पण
मंदिर निर्माण को गँवा के प्राण रहे रण
उन सभी हुतात्माओं का ये होगा तर्पण
होगा अब समर्पण नगर ढाणी ग्राम ग्राम से
बनने लगा है मंदिर धूम-धाम से।
धनीमानी, निर्धन, मजदूर सब आ रहे
मंदिर निर्माण हेतु भेंट सब चढ़ा रहे
रामजी हैं प्राण राष्ट्र के सभी बता रहे
रामकाज कर मन अति सुख पा रहे
प्रेरित हैं रोम रोम में बसे श्री राम से
बनने लगा है मंदिर धूम-धाम से।
सभी राम भक्त अब घर घर जाएँगे
बन हनुमान राम भक्ति दिखलाएंगे
जन-श्रद्धा से झोली भर भर लायेंगे
राष्ट्रभावनाओं को अवध पहुँचाएंगे
पावन पुनीत कार्य रामजी के नाम से
बनने लगा है मंदिर धूम-धाम से।
रामकाज करने का अवसर आया है
रामजी ने कृपा कर हमें अपनाया है
पुण्य हुए उदय, जो सेवा का पद पाया है
रामजी ने अपनी सेवा में हमें लगाया है
आया है आदेश स्वयं रामजी के धाम से
बनने लगा है मंदिर धूम-धाम से।