भारतीय संस्कृति के प्रखर उद्घोषक भगवान वाल्मीकि- डॉ. विपिन चंद्र

भारतीय संस्कृति के प्रखर उद्घोषक भगवान वाल्मीकि- डॉ. विपिन चंद्र

भारतीय संस्कृति के प्रखर उद्घोषक भगवान वाल्मीकि- डॉ. विपिन चंद्रभारतीय संस्कृति के प्रखर उद्घोषक भगवान वाल्मीकि- डॉ. विपिन चंद्र

सीकर। सीकर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान की सीकर इकाई द्वारा वाल्मीकि जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. विपिन चंद्र पाठक ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य के नायक प्रभु श्री राम भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। प्रभु श्री राम का चरित्र भारत ही नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए अनुकरणीय है।प्रभु श्री राम के मार्ग पर चलकर ही संपूर्ण विश्व में शांति, सौहार्द, समन्वय एवं जीव- मात्र के कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य सामाजिक समता, सांस्कृतिक समन्वय एवं आदर्श जीवन मूल्यों का अनुपम ग्रंथ है। इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए किंग्स एकेडमी के निदेशक रमेश शर्मा ने कहा, “भगवान वाल्मीकि का जीवन संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है।”

कार्यक्रम की संकल्पना सज्जन सिंह ने प्रस्तुत की। आगामी सत्र के लिए जीयाराम सहारण को अखिल भारतीय साहित्य परिषद सीकर का विभाग संयोजक, सज्जन सिंह को जिलाध्यक्ष व अशोक शर्मा को जिला महामंत्री का दायित्व दिया गया।

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