ग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेले में स्वच्छता दूतों का हुआ सम्मान

ग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेले में स्वच्छता दूतों का हुआ सम्मान

ग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेले में स्वच्छता दूतों का हुआ सम्मानग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेले में स्वच्छता दूतों का हुआ सम्मान

चित्रकूट। स्वच्छ और सुंदर हो देश हमारा। स्वच्छता से पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाना है। खूबसूरत होगा देश का हर छोर, क्योंकि हम करेंगे सफाई चारों ओर।

प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया गया है, जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्तूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। महात्मा गाँधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था, जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें।

भारतरत्न नानाजी देशमुख की जयंती पर आयोजित ग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेले में स्वच्छता मिशन की प्रदर्शनी ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया, जिसका प्रभाव पूरे मेला परिसर में देखने को भी मिला। स्वच्छता दूतों ने पूरे परिसर को साफ सुथरा रखने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी, उनके सरल एवं सौम्य व्यवहार तथा कार्य के प्रति निष्ठा, समर्पण, समय पालन के लिए योगेश ताम्रकार महापौर सतना, दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष वसन्त पण्डित, महाप्रबंधक अभिताभ वशिष्ठ द्वारा सभी स्वच्छता दूतों को उनके सराहनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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