पंचांग 22 अक्टूबर 2021
पंचांग 22 अक्टूबर 2021 सुविचार अनेकसंशयोच्छेदि परोक्षार्थस्य दर्शकम्।। सर्वस्य लोचनं शास्त्रं यस्य नास्त्यन्ध एव सः॥…
धर्म संस्कृति
पंचांग 22 अक्टूबर 2021 सुविचार अनेकसंशयोच्छेदि परोक्षार्थस्य दर्शकम्।। सर्वस्य लोचनं शास्त्रं यस्य नास्त्यन्ध एव सः॥…
पंचांग 21 अक्टूबर 2021 सुविचार श्रियः प्रदुग्धे विपदो रुणद्धि यशांसि सूते मलिनं प्रमार्टि।। संस्कारशौचेन परं…
पंचांग 20 अक्टूबर 2021 सुविचार अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलं।। भावार्थ बड़ों…
पंचांग 19 अक्टूबर 2021 सुविचार यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किं।लोचनाभ्याम विहीनस्य,…
पंचांग 18 अक्टूबर 2021 सुविचार मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम्। मनस्यन्यत् वचस्यन्यत् कर्मण्यन्यत् दुरात्मनाम्।। भावार्थ महान…
पंचांग 17 अक्टूबर 2021 सुविचार चलन्तु गिरय: कामं युगान्तपवनाहताः। कृच्छेरपि न चलत्येव धीराणां निश्चलं मनः।।…
पंचांग 16 अक्टूबर 2021 सुविचार गुणेषु क्रियतां यत्नः किमाटोपैः प्रयोजनम् । विक्रीयन्ते न घण्टाभि: गाव:…
पंचांग 14 अक्टूबर 2021 सुविचार खद्योतो द्योतते तावद् यवन्नोदयते शशी। उदिते तु सहस्रांशौ न खद्योतो…
पंचांग 13 अक्टूबर 2021 सुविचार श्रमेण दुःखं यत्किन्चिकार्यकालेनुभूयते। कालेन स्मर्यमाणं तत् प्रामोद।। भावार्थ उचित काम…
प्रमोद भार्गव भगवती दुर्गा के नौ रूप मनुष्य का जीवन भीतरी और बाहरी द्वंद्वों से…
पंचांग 12 अक्टूबर 2021 सुविचार असभ्दिः शपथेनोक्तं जले लिखितमक्षरम् । सभ्दिस्तु लीलया प्रोक्तं शिलालिखितमक्षरम्।। भावार्थ…
पंचांग 11 अक्टूबर 2021 सुविचार अधर्मेणैवते पूर्व ततो भद्राणि पश्यति। ततः सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति।।…
पंचांग 10 अक्टूबर 2021 सुविचार मर्षयन्ति न चात्मानं संभावयितुमात्मना। अदर्शयित्वा शूरास्तू कर्म कुर्वन्ति दुष्करम्।। भावार्थ शूरवीर…
पंचांग 9 अक्टूबर 2021 सुविचार अणुभ्यश्च महद्भ्यश्च शास्तेभ्यः कुशलो नरः। सर्वतः सारमादद्यात् पुष्पेभ्य इव षट्पदः।।…
1990 के अक्टूबर का महीना कश्मीर के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। इस…
पंचांग 7 अक्टूबर 2021 सुविचार सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते।।…
पंचांग 6 अक्टूबर 2021 सुविचार सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा। शान्तिः पत्नी…
पंचांग 5 अक्टूबर 2021 सुविचार दयाहीनं निष्फलं स्यान्नास्ति धर्मस्तु तत्र हि। एते वेदा अवेदाः स्यु…